नागपुर की तर्ज पर मुंबई में भी मेट्रो से आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने का करेंगे प्रयास : पीयूष गोयल

नागपुर की तर्ज पर मुंबई में भी मेट्रो से आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने का करेंगे प्रयास : पीयूष गोयल

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-16 10:10 GMT
नागपुर की तर्ज पर मुंबई में भी मेट्रो से आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने का करेंगे प्रयास : पीयूष गोयल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी की कल्पना ने आज ग्रामीण क्षेत्र को नागपुर से जोड़ा है। यह एक सहारनीय कदम है, जिसमें कम पैसा, कम समय के साथ ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं। नागपुर की ही तर्ज पर मुंबई को मेट्रो से आस-पास के इलाकों से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले नागपुर-मुंबई हाईवे एक्सप्रेस को जोड़कर हाईस्पीड कोरिडोर बनाने का काम किया जाएगा। महामेट्रो-फीडर ट्रेन सामंजस्य करार हस्ताक्षर समारोह में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने उक्त बात कही।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे यह सुविधाएं सभी शहरों से जोड़ी जाएंगी। आने वाले समय में 67 हजार करोड़ की योजनाओं पर काम किया जाएगा। जिसमें मुंबई-अहमदाबाद ट्रेन चलाने की योजना भी शामिल है। वर्तमान स्थिति में रेलवे की कई लाइन विद्युतीकरण से पीछे हैं, ऐसे में डीजल खर्च पर बहुत पैसा खर्च होता है। वहीं डीजल पर चलने वाली गाड़ी प्रदूषण का कारण बन रही है। महाराष्ट्र के साथ हर बार विकास के नाम पर नाममात्र  विकास हुआ है। वर्ष 2009 से 14 तक 1101 करोड़ के ही काम हुए जबकि हमारे कार्यकाल में  4 हजार से ज्यादा के विकास कार्य किये जा रहे हैं।

मेट्रो से 20 मिनट में नागपुर से रामटेक व 35 मिनट में पहुंचेंगे वर्धा : गडकरी
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले कुछ ही महीनों में मेट्रो रेलवे की पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देगी। हमारी ओर से जो मेट्रो चलाई जाएगी वह तेज व हाईटेक होगी। वर्तमान स्थिति में नागपुर से रामटेक व वर्धा पहुंचने के लिए 1 घंटे से ज्यादा का समय व 90 रुपये किराया लगता है, लेकिन मेट्रो केवल 20 मिनट में रामटेक व 35 मिनट में वर्धा पहुंचाएगी। वहीं एसटी बसों की तुलना में किराया भी आधे से कम तक लगेगा।

इससे नागपुर के पास भंडारा, वर्धा, काटोल आदि जगहों में रहनेवाले ग्रामीण लोगों के लिए शहर बहुत नजदीक हो जाएगा। जो ग्रामीण अब नागपुर में आकर नौकरी करते हैं, वह अपने गांव से मेट्रो से नौकरी कर सकेंगे। हाईटेक मेमू पूरी तरह से एसीयुक्त होगी वहीं इसके 6 कोच रहेंगे। हर कोच में बैठने की क्षमता भी बहुत ज्यादा रहेगी। मेट्रो रेलवे की पटरियों पर ही चलाएंगे।

वर्तमान स्थिति में जो रेलवे 30 की रफ्तार से पैसेंजर चला रही है, उसे बंद किया जाना है। उसकी जगह इन मेमू को चलाया जाएगा, ताकि 130 की रफ्तार से सफर हो सके। इसके लिए पटरियां है, लेकिन सिग्नलिंग के साथ स्टेशनों का विकास होना है जिसे पूरा किया जाएगा। यहां से आने वाले नागरिक शहर में आकर पुन: शहर में शुरू मेट्रो से शहर के चारों दिशाओं में घूमकर अपने गांव वापस जा सकेंगे। ऐसे में उन्हें दुपहिया या ऑटो, टैक्सी की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा।

भोपाल, इदौर में भी वाल्वो बसें बहुत ज्यादा किराया वसूल कर गरीबों के लिए जेब खाली करने का कारण बनते हैं। ऐसे में रेलवे की ओर यहां भी मेट्रो चलाने के दिशा में पहल की जा रही है।  इसी के साथ ही उड़नखटोला की तरह बसें चलाने  की दिशा में भी विचार चल रहा है। यह बसें एक तार से जुड़कर ऊपर ही चलाई जाएगी।

Similar News