बूंद-बूंद के लिए तरस रहे गांववालों ने दी अनशन की चेतावनी, एकमात्र कुएं के निर्माण पर लगी रोक

बूंद-बूंद के लिए तरस रहे गांववालों ने दी अनशन की चेतावनी, एकमात्र कुएं के निर्माण पर लगी रोक

Tejinder Singh
Update: 2018-02-08 13:40 GMT
बूंद-बूंद के लिए तरस रहे गांववालों ने दी अनशन की चेतावनी, एकमात्र कुएं के निर्माण पर लगी रोक

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। पानी के बूंद-बूंद की कीमत क्या होती है, यह आर्णी के कुर्हा गांव के रहवासियों से जान सकते हैं। जहां पानी की किल्लत से पूरा गांव परेशान है। जल स्रोत लगभग सूख चुके हैं। जिससे परेशान महिलाओं ने सिर पर गागर उठा ली और चल पड़ी प्रदर्शन के लिए। महिलाओं ने सरकारी दफ्तर पहुंचकर तहसीलदार डॉ पंकज आशिया को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले रहवासियों ने सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटे। जिसके बाद जैसे-तैसे कर यहां 26 जनवरी को कुएं के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। लेकिन गांववालों की मुसीबस उस वक्त और बढ़ गई। जब गांव के ही एक शख्स ने कुएं के निर्माण कार्य पर आपत्ति जताकर ग्रामपंचायत के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

निर्माण कार्य पर आपत्ती जताई, लगी रोक
ग्रामपंचायत ने सिपाही कैलाश रंगराव लोहकरे से सार्वजनिक कुएं के लिए जमीन मांगी थी। इसके बाद कैलाश लोहकरे ने जमीन का दानपत्र कर ग्रामपंचायत को सौंप दी। जमीन मिलते ही ग्राम पंचायत ने निर्माण कार्य शुरु करवाने के लिए भूमिपूजन कराया। लेकिन पेशे से डॉक्टर सुधीर वासुदेव राठोड़ ने निर्माण कार्य पर आपत्ती जताते हुए संबंधित विभाग को पत्र लिखा। जिसमें उसने बताया कि गांव में किसी तरह का जलसंकट नहीं है। कुएं का निर्माण रोकने के लिए उसने कोर्ट में अर्जी लगाई। जिसके बाद निर्माण कार्य रुक गया।

गांववालों की दलील
गांववालों ने प्रशासन को जो ज्ञापन दिया है। उसमें उन्होंने बताया कि डॉ सुरेश राठोड़ गांव में रहते नहीं है। वो बोरी अरब में अपना दवाखाना चलाते हैं। उनका यहां के जलसंकट से कोइ लेना देना नहीं है। गांववालों ने आरोप लगाया कि ग्रामपंचायत के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। उसमें सच्चाई नहीं है। रहवासी लंबे समय से जलसंकट का सामना करने को मजबूर हैं। उन्होंने कुएं के निर्माण को मान्यता देकर उसकी खुदाई शुरू कराने की मांग की है।

अनशन की चेतावनी दी
गांववालों का कहना है कि यदी उनकी मांग को अनसुना किया जाता है, तो वो आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। गांववालों के मुताबिक वो अपनी मांगों को लेकर अनशन करने वाले हैं। इस मौके पर दादाराव बोट , संतोष भावेकर, विलास गायनर, भिमराव डांगे, सुरेश पडोले, मंगल राठोड और प्रकाश चहांदे जैसे सैंकड़ों लोग मौजूद थे। जिनके साथ महिलाओं ने खाली गागर रखकर प्रदर्शन किया।

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