वेटिंग लिस्ट वालों के बजाए अतिथि शिक्षकों से क्यों भरे जा रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद?

वेटिंग लिस्ट वालों के बजाए अतिथि शिक्षकों से क्यों भरे जा रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-24 08:30 GMT
वेटिंग लिस्ट वालों के बजाए अतिथि शिक्षकों से क्यों भरे जा रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद?

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद अतिथि शिक्षकों से क्यों भरे जा रहे हैं? 25 साल बाद हो रही नियुक्ति की इस प्रक्रिया में चयन से वंचित हो रहे उम्मीदवारों की याचिका पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने यह सवाल किया। अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
जबलपुर के जीसीएफ एस्टेट में रहने वाली नंदनी साहू व अन्य की ओर से वर्ष 2019 में दायर इस याचिका में कहा गया है कि 44 नए कालेजों की मंजूरी मिलने के बाद वहां पर 9 सौ से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई। याचिका में आरोप है कि वेटिंग लिस्ट में हजारों की संख्या में उम्मीदवार मौजूद हैं, लेकिन सरकार ने एक आदेश जारी करके पिछले साल अतिथि शिक्षकों के रूप में काम कर चुके उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया, जो अवैधानिक है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व अधिवक्ता अन्वेष श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। 
कफ सिरप रखने के आरोपी को मिली जमानत
कफ सिरप की 280 बोतल रखने के आरोप में हनुमानताल थाना पुलिस द्वारा 17 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किए गए समीर वर्मा को जस्टिस राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की एकलपीठ ने जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। आरोपी की ओर से अधिवक्ता नवीन शुक्ला ने पैरवी की।
 

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