जीवनसंगिनी ने दिया नया जीवन, किया गया लिवर ट्रांसप्लांट

जीवनसंगिनी ने दिया नया जीवन, किया गया लिवर ट्रांसप्लांट

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-13 08:13 GMT
जीवनसंगिनी ने दिया नया जीवन, किया गया लिवर ट्रांसप्लांट

डिजिटल डेस्क, नागपुर । 2 साल से लिवर सिरोसिस की बीमारी से पीड़ित मरीज को आखिरकार जीवनदान मिल गया। मरीज स्वस्थ होकर जब अपने घर पहुंचा, तो सबसे पहले उसने लिवर देने वाली पत्नी (डोनर) और डॉक्टरों की टीम का नया जीवन देने के लिए आभार प्रकट किया। 40 वर्षीय गुरप्रीत सिंह मुलतानी का लिवर ट्रांसप्लांट एलेक्सिस मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में किया गया।

अस्पताल से 12वें दिन मिल गई छुट्टी 
 40 वर्षीय मुलतानी एलेक्सिस मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉ. अमित गुल्हाने के पास उपचार कराने गया। डॉ. गुल्हाने व डॉ. प्रकाश जैन ने मरीज को लिवर प्रत्यारोपण की सलाह दी। 21 जनवरी को मरीज का प्रत्यारोपण किया गया और 12वें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. विवेक विज, डॉ. अजिताभ श्रीवास्तव, लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. राजविलास नारखेड़े ने लिवर प्रत्यारोपण किया। उनकी टीम में डॉ. शीतल आव्हाड, डॉ. दिलीप वासनिक, डॉ. सविता जयसवाल भी शामिल थे।

योजनाबद्ध तरीके से उपचार
डॉ. जैन ने बताया कि कैडेवरिक प्रत्यारोपण में हमेशा एक पूरा लिवर मरीज को मिलता है, इसलिए हमेशा पहली पसंद वही रहता है, लेकिन लिवर जीवित डोनर से भी लिया जा सकता है। उसका कुछ हिस्सा लेकर लिवर फेल होने वाले मरीज में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह सारी प्रक्रिया योजनाबद्ध तरीके से होती है, जो उक्त मरीज में प्रत्यारोपित करते समय की गई है। डॉ. राजविलास नारखेडे ने कहा कि लिवर रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है। ऐसे में जरूरतमंदों का उपचार करने में अधिक ध्यान दिया लोजाता है।

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