लापरवाही : सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज महिला ने शौचालय में मृत बच्चे को दिया जन्म

लापरवाही : सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज महिला ने शौचालय में मृत बच्चे को दिया जन्म

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 17:33 GMT
लापरवाही : सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज महिला ने शौचालय में मृत बच्चे को दिया जन्म

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। सरकारी अस्पताल से बिना जांच किए निकली गर्भवती महिला को सार्वजनिक शौचालय में हुए प्रसव की घटना ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा महकमे की लापरवाही उजागर कर दी। चिकित्सक ने गर्भस्थ शिशु की जांच करने की बजाए महिला को खून की कमी बता कर जिला अस्पताल का रास्ता दिखा दिया था। पीडि़ता आटो में बैठकर रवाना हो रही थी, इस बीच लघुशंका के लिए वह स्थानीय शौचालय पहुंची जहां उसे प्रसव हो गया। उसने एक मृत शिशु को जन्म दिया।

घटना गुरुवार को अपरान्ह 4 बजे की है। विकासखंड के ग्राम कोहका दमुआ से एक गर्भवती महिला उर्मिला काकोडिय़ा उम्र 35 वर्ष आशा कार्यकर्ता के साथ जांच कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परासिया पहुंची। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने शारीरिक जांच न करते हुए महिला को खून की कमी बताकर जांच के लिए लिख दिया और जिला अस्पताल जाने की सलाह दे दी। गर्भवती महिला जांच के लिए रक्त का नमूना देने के बाद वापस ऑटो में बैठकर घर जाने के लिए थाने के पास आ गई। इस दौरान महिला अचानक अस्थायी बने शौचालय में लघुशंका के लिए गई, जहां उसे प्रसव हो गया। महिला  के साथ मौजूद आशा कार्यकर्ता ने तत्काल उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाया है। जहां शिशु को मृत घोषित कर दिया गया है और महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया है।

चिकित्सा महकमा जिम्मेदार
पीडि़ता के परिजनों ने शिशु की मौत के लिए चिकित्सा महकमे को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि महिला का लगातार चैकअप किया जा रहा था, लेकिन शिशु की मौत के पहले तक चिकित्सकों ने न खून की कमी बताई थी, न ही गर्भस्थ शिशु के हालात। पूरे नौ माह के बाद गुरुवार को स्वयं आशा कार्यकर्ता महिला को साथ लेकर गई थी।

क्या कहती है BMO
परासिया प्रभारी BMO डॉ. जानकी सिंह का कहना है कि महिला जांच के लिए आई थी, उसे खून की कमी होने के कारण जिला अस्पताल जाने की सलाह  दी गई, लेकिन महिला अस्पताल  में न रूक कर घर जाने के लिए निकल गई। इसी दौरान उसे प्रसव हुआ है, अस्पताल  में चिकित्सकों की कमी है। ज्यादा मरीज होने के कारण महिला चिकित्सक गर्भवती महिला की शारीरिक जांच नही कर पाई।

Similar News