बसों में मनचलों से परेशान महिला कंडक्टर ,नहीं हो रही कोई कार्रवाई

बसों में मनचलों से परेशान महिला कंडक्टर ,नहीं हो रही कोई कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-06 06:18 GMT
बसों में मनचलों से परेशान महिला कंडक्टर ,नहीं हो रही कोई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में चल रही एसटी बसों में कंडक्टर के रूप में काम कर रही महिलाएं परेशान हैं। मनचलों के कारण इनके लिए काम करना मुश्किल हो रहा है। हाल ही में एक यात्री के गाली-गलौच की शिकायत थाने में दर्ज हुई है। हालांकि प्रशासन के पास इससे निपटने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं है। 

गौरतलब है कि नागपुर विभाग अंतर्गत कुल 589 बसें चल रही हैं, जो शहर से छोटे-छोटे गांव तक चल रही हैं। इन बसों में पुरुष कंडक्टर के साथ महिला कंडक्टर भी शामिल हैं। आंकड़ों की बात करें तो नागपुर विभाग अंतर्गत 250 महिला कंडक्टर काम करती हैं, लेकिन कुछ मनचलों के कारण उन्हें सफर में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिला कंडक्टरों को मनचलों की छींटाकशी, अभद्र व्यवहार आदि का सामना करना पड़ रहा है।आंकड़ों की बात की जाए तो नागपुर विभाग अंतर्गत 200 से 250 महिला कंडक्टर काम करती हैं। जिसमें इमामवाड़ा डिपो में 20-25, एनआर 2 में 20, सीबीएस 2 में 15, सावनेर, काटोल आदि स्टैंड पर 10-10 महिला कर्मचारियों का समावेश है। 

 

अभिवादन योजना करनी पड़ी बंद
एसटी बसों में रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं, लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतें हर बार एसटी को घाटे में बताती हैं। प्रशासन की आमदनी बढ़ाने के साथ यात्रियों को एसटी बसों में अच्छी सुविधा देने के उद्देश्य से लुभाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जिसमें 1 जनवरी 2016  से यात्रियों का अभिवादन करने की योजना शुरू की गई है। योजना के अंतर्गत कंडक्टर को गाड़ी स्टैंड से छूटने के पहले यात्रियों का स्वागत कर खुद का नाम, चालक का नाम, गाड़ी कहां से कहां जाएगी, कहां पर रुकेगी, आपातकालिन स्थिति में कहां से बाहर निकालना आदि जानकारी देनी पड़ रही थी। इससे महिला कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

कुछ महिला कंडक्टर ने बताया कि बस में बैठने वाले मनचले यात्री अभिवादन के दौरान भद्दे कमेंट्स देते हैं। साथ ही नाम पता चलने पर सफर के दौरान बीच-बीच में नाम पुकारते हैं। यही नहीं, स्टॉप पर वह उतरने के बाद बस जाने तक नाम पुकारकर चिढ़ाते हैं। ऐसे में अभिवादन की योजना बंद करनी पड़ी।

ये है मामला
1 अक्टूबर को काटोल जा रही एसटी बस में चढ़े यात्री को जब महिला कंडक्टर ने सांवनेर न जाने की बात कहकर उतारा, तो महिला कंडक्टर का हाथ पकड़कर अभद्र व्यवहार किया गया, जिसके बाद बस को सीधे थाने में ले जाया गया था।नागपुर एसटी परिवहन महामंडल विभाग नियंत्रक एस. पंचभाई का कहना है कि महिला कंडक्टर को नाइट शिफ्ट में बहुत कम भेजा जाता है। किसी भी तरह के अभद्र व्यवहार को लेकर शिकायत आने पर बस को सीधा पुलिस स्टेशन लेकर जाते हैं। महिला कंडक्टरों की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं है।

 

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