अपने नाम के पीछे पिता का नहीं, मां का नाम लगाना पसंद कर रहे युवा

अपने नाम के पीछे पिता का नहीं, मां का नाम लगाना पसंद कर रहे युवा

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-13 08:31 GMT
अपने नाम के पीछे पिता का नहीं, मां का नाम लगाना पसंद कर रहे युवा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी ने सच कहा है कि भगवान हर जगह नहीं है इसलिए मां को भेजा है। अभी तक बॉलीवुड के निर्देशक संजय लीला भंसाली को ही सभी जानते हैं कि वे अपने नाम के पीछे मां का नाम लगाते हैं, लेकिन शहर में कुछ ऐसे युवा हैं जो अपने नाम के बाद मां का नाम लगाते हैं। आजकल नाम के साथ मां का नाम लगाने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। मां को सम्मान देने का इससे अच्छा तरीका और क्या हो सकता है। ऐसे युवाओं से चर्चा के दौरान उन्होंने अपने अनुभवों को शेयर किया।

पापा का है सपोर्ट 
बच्चों की परवरिश मां ही करती है। पापा तो जॉब के कारण घर से बाहर चले जाते हैं, लेकिन मां तो पूरे समय बच्चे का ध्यान रखती है। बच्चे को कोई भी कमी नहीं होने देती है। मां की जगह और कोई नहीं ले सकता है। मैं अपने नाम के बाद मां का नाम लगाना पसंद करता हूं। इसके लिए पापा ने भी मुझे सपोर्ट किया। हमारे देश में वर्षों से यही  परंपरा चली आ रही है कि बच्चों के नाम के बाद पापा का नाम लगाया जाता है, लेकिन अब इस परंपरा में बदलाव आ चुका है। सभी को इन परंपराओं को बदलना चाहिए, आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। 
- कुणाल सुधा लखोटिया, फोटोग्राफर

मां भी करती है वर्क तो फर्क क्यों
मैं हमेशा सोचता था कि हर कोई  अपने नाम के आगे पापा का नाम लगाता है। मां वर्किंग करने के बाद भी घर के काम करती है, तो इसमें पक्षपात क्यों। देखा जाए तो नौकरी करते हुए घर की जिम्मेदारी संभालने वाली मां और अधिक जिम्मेदार होती है। इसलिए मैंने अपने नाम के मम्मी का नाम लगाना शुरू किया। इसके लिए घर से भी पूरा सपोर्ट था। समय के अनुसार सभी को बदलना आवश्यक है। मुझे देखकर मेरे कई दोस्तों ने भी यह पहल शुरू की। 
- शांतनु श्वेता पंधारे, आर्किटेक्ट
 

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