जिप स्कूलों का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में , दो महीने पहले निकला टेंडर

जिप स्कूलों का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में , दो महीने पहले निकला टेंडर

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-30 06:11 GMT
जिप स्कूलों का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में , दो महीने पहले निकला टेंडर

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के सभी स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का नियोजन किया गया है। राज्य सरकार की ओर से 4 करोड़, 80 लाख रुपए की निधि मंजूर की गई है। महाऊर्जा कंपनी को निधि आवंटित की गई। दो महीने पहले टेंडर भी निकाले गए। इसके बाद आगे की प्रक्रिया लड़खड़ा जाने से काम ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

यह भी एक कारण
साैर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए बिजली कनेक्शन आवश्यक है। जिला परिषद के लगभग 300 स्कूलों का बिजली बिल बकाया रहने से कनेक्शन कट किए गए हैं। सौर ऊर्जा के लिए चयन किए गए स्कूलों में इन स्कूलों का समावेश है। सौर ऊर्जा प्रकल्प लड़खड़ाने के पीछे यह भी एक कारण माना जा रहा है।

दिग्गजों के गृह जिले में अंधेरा
नागपुर जिला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी का गृह जिला है। इस जिले में अनेक स्कूलों के बिजली कनेक्शन कट किए जाने से अंधेरा छाया हुआ है। बिजली बिल बकाया रहने से कनेक्शन कट किए गए हैं। आय के स्रोत नहीं रहने से जिला परिषद स्कूल बिजली बिल चुकाने में असमर्थ है। बिल का झंझट खत्म करने के लिए सौर ऊर्जा का विकल्प चुना गया है। टेंडर निकालकर बीच में ही प्रकिया लड़खड़ा जाने से स्कूलों से अंधेरा छंटने का नाम नहीं ले रहा है।

पहले चरण में 278 स्कूलों का चयन
केंद्र सरकार पारंपरिक ऊर्जा निर्मिती को बढ़ावा दे रही है। केंद्र की योजना को राज्य सरकार ने आगे बढ़ाते हुए सभी सरकारी, अर्धसरकारी कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर बिजली आपूर्ति करने का सरकार का नियोजन है। सरकारी इमारतों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर बिजली उत्पादन करने की योजना बनाई गई है। जिले के सभी जिला परिषद स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। जिला परिषद के 1531 स्कूल हैं। पहले चरण में 278 स्कूलों का चयन किया गया है। राज्य सरकार की ओर से 4 करोड़, 80 लाख रुपए की निधि महाऊर्जा को आवंटित की गई है। टेंडर िनकलकर 2 महीने हो चुके हैं। अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। 
 

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