IPL: BCCI ने वीवो को IPL के स्पॉन्सर से हटाया, नए प्रायोजक के लिए जल्द टेंडर निकाला जाएगा

IPL: BCCI ने वीवो को IPL के स्पॉन्सर से हटाया, नए प्रायोजक के लिए जल्द टेंडर निकाला जाएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-06 14:16 GMT
IPL: BCCI ने वीवो को IPL के स्पॉन्सर से हटाया, नए प्रायोजक के लिए जल्द टेंडर निकाला जाएगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) IPL के 13वें सीजन के नए प्रायोजक के लिए जल्द ही बोलियां आमंत्रित करेगी। चीन की कंपनी वीवो को IPL के 13वें सीजन से मुख्य प्रायोजक के तौर पर हटाए जाने के बाद BCCI ऐसा कर रही है। इस मामले से संबंध रखने वाले सूत्र ने कहा कि बीसीसीआई आईपीएल-13 के नए प्रायोजक के लिए पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया का पालन करेगी।

सूत्र ने कहा, बीसीसीआई जल्द ही इन्विटेशन बिड (आईटीबी) निकालेगी। टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाएगा क्योंकि बोर्ड पारदर्शिता में विश्वास रखती है। आईटीबी के तहत नीलामी जीतने वाले को यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन का प्रायोजक नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले, बीसीसीआई ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर वीवो से साथ साझेदारी खत्म कर दी। यह फैसला वीवो को प्रायोजक के तौर पर बनाए रखने के बाद बीसीसीआई और आईपीएल गवनिर्ंग काउंसिल की आलोचना के बाद लिया गया है।

आलोचना के बाद लिया फैसला
बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आईपीएल 2020 के लिए पार्टनरशिप को निलंबित करने का फैसला किया है। रविवार को हुई आईपीएल की कार्यकारी परिषद में वीवो को मुख्य प्रायोजक बनाए रखने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर इसका काफी विरोध किया गया था और लीग का बहिष्कार करने की बात की जा रही थी। इसके बाद बीसीसीआई को यह अहसास हुआ कि वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक से हटाना देश हित में होगा।

भारत-चीन के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद 
बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब तीन महीने से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझानें की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है। इस विवाद की वजह से भारत में चीन का बॉयकॉट किया जा रहा है।

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