अलवर: दलित महिला के साथ पति के सामने 5 लोगों ने किया गैंगरेप, भाजपा ने CM का इस्तीफ़ा मांगा

अलवर: दलित महिला के साथ पति के सामने 5 लोगों ने किया गैंगरेप, भाजपा ने CM का इस्तीफ़ा मांगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-08 10:17 GMT
अलवर: दलित महिला के साथ पति के सामने 5 लोगों ने किया गैंगरेप, भाजपा ने CM का इस्तीफ़ा मांगा

डिजिटल डेस्क, अलवर। राजस्थान के अलवर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया। अलवर के थानागाजी इलाके में एक महिला को उसके पति के सामने पांच दरिदों ने 3 घंटो तक अपनी हवस का शिकार बनाया। आरोपियों ने पूरी घटना का वीडियो भी बनाया जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस का जो रवैया सामने आया है वह हैरान करने वाला है। दरअसल घटना के बाद शिकायत करने पहुंचे परिजनों को पुलिस ने यह कहकर मामले की जांच करने से मना कर दिया कि अभी चुनाव चल रहे हैं। 

आरोप है कि इस मामले में 30 अप्रैल को पीड़ित परिवार के परिजन एसपी राजीव पचार से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। किसी तरह गुपचुप तरीके से 2 मई को मामले की एफआईआर हुई। परिजनों ने इस मामले में आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी, लेकिन 6 मई को चुनाव होने की वजह से पुलिस इस मामले को दबाकर बैठी रही। राजनीतिक हलचल के बाद गैंगरेप के मामले में मंगलवार को पुलिस प्रशासन जागा। दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद अन्य 4 की तलाश में पुलिस की 14 टीमें लगी हुई हैं। पुलिस की लापरवाही को लेकर थानागाजी एसएचओ सरदार सिंह को निलंबित और चार पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है। वहीं सरकार ने एसपी राजीव पचार को एपीओ कर दिया है। मंगलवार रात जयपुर रेंज आईजी एस सेंगाथिर थानागाजी पहुंचे और पूरे घटनाक्रम तथा पुलिस कार्रवाई की जानकारी ली।

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने मांगा CM का इस्तीफा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस्तीफा मांगा है। जावड़ेकर ने दलित महिला से दुष्कर्म के मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक दलित महिला से दुष्कर्म हो जाता है और कांग्रेस पार्टी एफआईआर भी दर्ज नहीं होने देती। देश की सबसे पुरानी पार्टी का ये पहुत खराब कृत्य है। जावड़ेकर ने कहा कि सीएम गहलोत को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

यह है पूरा मामला
पीड़िता का पति जयपुर में काम करता है और उसकी पत्नी थानागाजी स्थित अपने मायके में रहती है। 26 अप्रैल को दोनों बाइक से थानागाजी क्षेत्र के बामनवास काकड़ के रास्ते अलवर की ओर शॉपिंग के लिए जा रहे थे। बाईपास सड़क पर कलाखोरा गांव के पास गुर्जर समाज के पांच युवकों ने कथित रूप से उन्हें रोक लिया। सूनसान इलाके में उन्होंने जबरन बाइक रुकवाई और उसे पास के गड्ढे में गिरा दिया। इसके बाद दोनों को खींचकर रोड के नीचे रेत के टीलों के पीछे ले गए। जहां दोनों के कपड़े उतरवाए गए और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। पांचों लोगों ने महिला के पति को डंडों से पीटा। पत्नी ने पति को बचाने का प्रयास किया फिर भी वे दोनों को पीटते रहे। अपने पति को बचाने के लिए आखिरकार महिला ने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उन पांचों ने बारी-बारी से महिला के साथ दरिंदगी की। यह सब तीन घंटे तक चला। रेप पीड़िता ने बताया, उसने आरोपियों को जितना रोका, उन्होंने उतनी ही दरिंदगी की। पांचों आरोपियों ने तीन घंटे तक कई बार महिला से रेप किया। जाते समय उन्होंने दोनों के पास रखे 2000 रुपये भी लूट लिए। घटना के बाद पीड़िता को एक आरोपी ने फोन किया और रिकॉर्ड किए गए 11 वीडियो लीक ना करने के एवज में पैसों की भी मांग की। 

इस मामले को लेकर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है, राजनीतिक लाभ के लिए सीएम अशोक गहलोत ने चार दिन तक पीड़ित परिवार की एफआईआर दर्ज नहीं होने दी। घटना बेहद शर्मनाक है। अब जाकर दलित समाज के प्रति कांग्रेस का असली चेहरा सामने आया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। महिला सुरक्षा के प्रति सरकार पूर्णतया प्रतिबद्ध है। घटना में लिप्त अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने के लिए करीब एक दर्जन दलों का गठन किया गया है। 

 

 

 

 

 

 

 

 

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