मोबाइल पर गेम खेलने के चक्कर में पिता का ही दुश्मन बना बेटा, बेरहमी से ली जान

मोबाइल के खेल ने बनाया हत्यारा मोबाइल पर गेम खेलने के चक्कर में पिता का ही दुश्मन बना बेटा, बेरहमी से ली जान

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Update: 2021-09-03 09:06 GMT
मोबाइल पर गेम खेलने के चक्कर में पिता का ही दुश्मन बना बेटा, बेरहमी से ली जान

डिजिटल डेस्क, सूरत। भारत में बीते कुछ सालों में स्मार्ट फोन और ऑनलाइन गेमिंग ऐप में बहुत ट्रेंड देखने को मिला है, कोविड - 19 के लॉकडाउन ने तो ऑनलाइन प्लेटफार्म को और ज्यादा बढ़ावा दिया है। कोविड के चलते सभी बच्चे के हाथ में स्मार्ट फोन आ गया है, जिसके चलते बच्चे मोबाइल फोन से काफी तेजी से एडिक्ट हो रहे हैं। साथ ही बच्चे ऑनलाइन गेम से भी काफी ज्यादा एडिक्ट हो रहे हैं। हर तीसरा - चौथा बच्चा ऑनलाइन गेम से एडिक्टेड है। पैरेंट्स अपने बच्चे के हाथ में आसानी से फोन तो दे रहे हैं, लेकिन अपने बच्चे को इस फोन के एडिक्शन से बचा पाने में असमर्थ हैं, कई बार पैरेंट्स के लिए अपने ही बच्चे को गेम के लिए टोकना भारी पड़ जाता है।

ऐसा ही एक मामला गुजरात सूरत से सामने आया है, जहां पिता द्वारा बेटे को ऑनलाइन गेम के लिए टोकने पर बेटे ने पिता की जान ले ली। दरअसल घटना सूरत के कवांस गांव की है जहां अर्जुन अरुण नाम का शख्स अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते थे। 1 सितंबर को अरुण की पत्नी डॉली अपने पति को पास ही के अस्पताल ले कर पहुंची थी। जहां डॉक्टर्स ने अरुण की बॉडी को जाँच कर मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद जब डॉक्टर्स ने डॉली से उसके पति के मौत का कारण पूछा था तब उसने मौत की वजह चोट लगना बताया था। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था।  पोस्टमार्टम  रिपोर्ट में मौत का कुछ और ही कारण पता चला, डॉक्टर्स ने बताया कि मृतक की मौत चोट लगने से नहीं बल्कि गला दबा के मारने से हुयी है।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर्स ने पुलिस को मौत की वजह बताई, जब पुलिस ने मृतक के बेटे से सख्ती से पूछा तब लड़के ने सारा सच उगल दिया। 17 साल के लड़के ने बताया कि उसके पापा उसे हर वक्त उसे गेम खेलने को लेकर मना किया करते थे, जिससे कारण जब एक रात उसके पिता सोए हुए थे तब उसने अपने पिता की गर्दन दबाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। 

ऐसा ही सूरत से ही एक और मामला सामने आया है, जहां सोलह साल की नाबालिग लड़की ने घरवालों के द्वारा फोन छिनने के बाद फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। दरअसल लड़की को मोबाईल फोन का काफी ज्यादा एडिक्शन हो गया था। जिसके चलते बच्ची अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रही थी। इसलिए लड़की के घरवालों ने उससे उसका फोन छीन लिया और उसे दोबारा फोन नहीं दिया। जिस बात से नाराज होकर लड़की ने अपने आप को कमरे में बंद कर फांसी लगा लिया।  


  
 

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