MP: बिहार से मदरसे में पढ़ने के नाम पर लाए गए 30 बच्चों को रेस्क्यू किया, चाइल्ड लाइन ने दी थी सूचना 

MP: बिहार से मदरसे में पढ़ने के नाम पर लाए गए 30 बच्चों को रेस्क्यू किया, चाइल्ड लाइन ने दी थी सूचना 

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-07 05:23 GMT
MP: बिहार से मदरसे में पढ़ने के नाम पर लाए गए 30 बच्चों को रेस्क्यू किया, चाइल्ड लाइन ने दी थी सूचना 

डिजिटल डेस्क, भोपाल। काम के लिए लाए जा रहे 30 बच्‍चों को भोपाल में रेस्‍क्‍यू किया गया है। बच्चों की उम्र 14 से 17 वर्ष बताई जा है। बच्चों का कहना है कि वो गरीब परिवार से हैं और अपने गांव के लोगों के साथ काम की तलाश में शहर आए हैं। काम के लिए लाए गए 23 बच्चों को बैरागढ़ संत हिरदाराम स्टेशन पर रेस्क्यू कर ट्रेन से उतारा गया। जबकि 7 बच्चे हबीबगंज स्टेशन पर अगरतला एक्सप्रेस में आरएपीएफ को मिले।

इन बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति और पुलिस ने चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से अपने कब्जे में लिया। बच्चों की जानकारी चाइल्ड लाइन संस्था ने दी थी। बताया गया कि चाइल्ड लाइन ने रात में ही बच्चों के परिजनों को फोन पर बात करके घटना की जानकारी दी।

बिहार से काम के लिए लाए गए थे बच्चे 
चाइल्ड लाइन संस्था की कोर्डिनेटर अर्चना सहाय ने पुलिस को जानकारी दी कि इन बच्चों को काम के सिलसिले में बिहार से भोपाल लाया गया था। सभी बच्चे गरीब घर के हैं। दूसरी तरफ रेस्क्यू के बाद बच्चों ने बताया कि वह मदरसे में पढ़ने के लिए भोपाल और इंदौर आए हैं।

अलग-अलग भेजने की थी सूचना
भोपाल पुलिस मुताबिक इन बच्चों को काम के लिए ट्रेन के जरिए भोपाल से इंदौर अलग-अलग जगह भेजा जाना था फिलहाल बच्चों से हमारी पूछताछ जारी है बच्चे ने अलग- अलग तरीके से बयान दिए।

चाइल्ड लाइन संस्‍था ने दी थी सूचना
बच्‍चों के बारे में पुष्टि होने के बाद 16 बच्चों को छोड़ दिया गया और 7 बच्चे अभी छोला स्थित शेल्टर होम में ठहराए गए हैं। जिन्‍हें उनके परिजन भोपाल लेने पहुंच रहे हैं। इसकी जानकारी मिलते ही कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर आभार जताया।  

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