जेलों में बंद कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल अब अपराध

यूपी जेलों में बंद कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल अब अपराध

IANS News
Update: 2021-10-01 03:30 GMT
जेलों में बंद कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल अब अपराध

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जेलों के अंदर कैदियों द्वारा मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल को गैर-जमानती अपराध बना दिया है। नियम का उल्लंघन करने पर अपराधियों को तीन से पांच साल के कठोर कारावास और 20,000-50,000 रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की सभी जेलों में कैदी अनुशासन के लिए कारागार अधिनियम-1894 के प्रावधानों में संशोधन कर नया नियम लागू किया गया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, अगर राज्य की जेलों में कोई भी कैदी जेल परिसर के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार के वायरलेस संचार उपकरण का उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो दोषी मिलने पर उसे तीन से पांच साल के कठोर कारावास और 20,000-50,000 रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

इस नियम के साथ, मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, इंटरनेट, जीपीआरएस, ई-मेल, एमएमएस, या कोई अन्य डिवाइस जैसे मोबाइल सिम का उपयोग किसी भी तरह से जेल परिसर के अंदर या बाहर कैदियों द्वारा नहीं किया जा सकता है।

आईएएनएस

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