अंगारकी चतुर्थी आज, ऐसे करें पूजा और करें बप्पा काे प्रसन्न

अंगारकी चतुर्थी आज, ऐसे करें पूजा और करें बप्पा काे प्रसन्न

Manmohan Prajapati
Update: 2018-11-26 08:32 GMT
अंगारकी चतुर्थी आज, ऐसे करें पूजा और करें बप्पा काे प्रसन्न

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार 24 दिन प्रथम पूज्य बप्पा को समर्पित हैं। जो सभी विघ्नों को हरने वाले हैं और विघ्नहर्ता कहलाते हैं। बुधवार इनका प्रिय दिन माना गया है। पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकटा चतुर्थी कहते हैं जो कि आज यानी 26 नवंबर 2018 सोमवार को है। हालांकि यह व्रत हर माह होता है लेकिन माघ माह में पड़ने वाली इस तिथि का विशेष महत्व है।

संसार में शुभता
महाराष्ट्र और तमिलनाडु में संकटा चतुर्थी व्रत का सर्वाधिक प्रचलन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का अत्यधिक महत्व है। शिव पुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन दोपहर में भगवान गणेश का जन्म हुआ था। माता पार्वती और भगवान शिव ने उन्हें पुत्र रूप में प्राप्त किया था। उनके प्रकट होते ही संसार में शुभता का आभास हुआ। जिसके बाद ब्रम्हदेव ने चतुर्दशी के दिन व्रत को श्रेष्ठ बताया।

विधान से पूजन
संकटा चतुर्थी में भगवान गणेश का नाम लेकर ही व्रत का प्रारंभ करें। इस दिन सिर्फ फल जड़ अर्थात जमीन के अंदर और पौधों के भाग के साथ वनस्पति का ही सेवन किया जाता है। व्रत में गणपति पूजन के बाद के बाद चंद्र दर्शन करें और उसके बाद ही उपवास खोलें। इस व्रत को लेकर एेसी मान्यता है कि यदि इस दिन विधि विधान से पूजन किया जाता है ताे सभी संकटों काे गणपति स्वयं ही हर लेते हैं।

सभी कष्ट दूर
संकटों से मुक्ति पाने के लिए संकटा चतुदर्शी का व्रत रखा जाता है। यह सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखते हैं। लंबोदर सभी कष्टों के हर्ता और सुख प्रदान करने वाले बताए गए हैं। इसलिए यह व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं। 
 

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