बसंत पंचमी पर कामदेव पूजा, इस मुहूर्त में करें प्रसन्न
बसंत पंचमी पर कामदेव पूजा, इस मुहूर्त में करें प्रसन्न
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बसंत पंचमी इस बार 22 जनवरी 2018 को मनाई जाएगी। सुबह 7.17 मिनट से दोपहर 12.32 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है। सवा पांच घंटे के इस अंतराल में आप देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं तो निश्चित ही आपकी पूजा व्यर्थ नही जाएगी। यह मां सरस्वती की पूजा का श्रेष्ठ दिन माना जाता है। इसी दिन देवी का प्राकट्य हुआ था और सृष्टि में ध्वनि का संचार, जिसकी वजह से मां सरस्वती की पूजा का इस दिन सर्वाधिक महत्व है। वैसे तो इस दिन मां सरस्वती की पूजा के महत्व के बारे में लगभग सभी जानते हैं। शिक्षण एवं संगीत संस्थानों में इस दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता है कि इस दिन कामदेव की भी पूजा जाती है। बसंत पंचमी पर यदि आप कामदेव का पूजन करते हैं तो आपको सुंदर काया का वरदान प्राप्त होता है।
आवाज नही करते इनके तीर
दरअसल, कामदेव को बसंत का मित्र माना जाता है। उनका धनुष फूलों से सजा हुआ है। वे सुंदरता और प्रेम के देवता है। कहा जाता है कि वे पे्रम के देवता और उनका पूजन सृष्टि में प्रेम और रोमांच का संचार करता है। उनकी पूजा के प्रमाण प्राचीनकाल से मिलते हैं। पुरातन काल में राजा-महाराजा हाथी सवार होकर कामदेव पूजन के लिए प्रस्थान करते थे। कामदेव जब फूलों से सजे हुए धनुष से तीर छोड़ते हैं तो आवाज नही होती। मौसम खुशनुमा हो जाता है। इनके बाणों में कोई कवच भी नही है किंतु जब ये चलते हैं तो लक्ष्य को भेदकर ही वापस आते हैं।
मौसम में परिवर्तन
बसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है, जिसकी वजह से भी इस मौसम में ऋतु परिवर्तन संकेत देता है और हर ओर परिवर्तन स्पष्ट नजर आने लगता है। कामदेव की पूजा उनकी प्रिया रति के साथ की जाती है। कामदेव और रति का पूजन हर एक के लिए ही उपयोगी होता है। क्योंकि कामदेव जहां प्रेम का संचार करते हैं वहीं रति श्रंगार का।
सिद्ध मंत्रों और विधि से पूजा
बसंत पंचमी में मां सरस्वती, कामदेव-रति की पूजा का महत्व है। मां सरस्वती जहां विद्या, कला और बुद्धि प्रदान करती हैं वहीं कामदेव-रति की प्रेम और श्रंगार का संचार करती है। कई लोग कामदेव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न सिद्ध मंत्रों एवं पूजा विधि का भी प्रयोग करते हैं, किंतु ऐसी पूजा विशेषज्ञ के मार्गदशन में ही करना उर्पयुक्त होगा।