चैत्र नवरात्रि आज से, जानें कलश स्थापना का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त 

चैत्र नवरात्रि आज से, जानें कलश स्थापना का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त 

Manmohan Prajapati
Update: 2019-03-27 12:00 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ इस बार 06 अप्रैल 2019 दिन शनिवार से हो रहा है। चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहुर्त में करना श्रेयष्कर रहता है। वहीं इस दिन वैधृति योग है, ऐसे में प्रतिपदा के कारण अभिजीत मुहुर्त में कलश स्थापना कर लेना उचित रहेगा। इस दिन रेवती नक्षत्र है। इस दिन कलश स्थापना और दुर्गा पूजन का आरंभ मिथुन, कन्या, धनु और मीन लग्न में ही करना शुभकारी है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार प्रातःकाल 6 बजकर 9 मिनट से 10 बजकर 21 मिनट तक कलश स्थापना का सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त है। इसके पीछे कारण यह है कि इस समय द्विस्वभाव मीन लग्न रहेगा। वैसे तो दिन में 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त है, लेकिन इस समय कर्क लग्न है। यह चर राशि है। अतः कलश स्थापना का बहुत शुभ मुहूर्त नहीं माना जाएगा।

नवरात्रि की पूजा विधि क्या है?
नवरात्रि में अपने घर में शुभ मुहूर्त देखकर कलश स्थापित करें। इस दिन से माता के 9 विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। पूरे नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।
इन दिनों में ब्रह्म मुहुर्त में श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ बहुत शुभफलदायी होता है।
इन दिनों में रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने से दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों का नाश होता है।
नवरात्रि में श्री रामचरित मानस का पाठ बहुत पुण्यदायी है। इस दिन माता के किसी सिद्ध पीठ का दर्शन कर आशीर्वाद लेना चाहिए। फिर प्रतिदिन माता के मंदिर जाकर विधिवत दर्शन पूजन कर माता का आशीष प्राप्त करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
पूरी नवरात्रि व्रत कर अंतिम दिन हवन करना चाहिए। इन 9 दिनों में आप दुर्गासप्तशती के किसी भी मंत्र को जप कर सिद्ध कर सकते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए उत्तम रहता है।
इस समय पूरे नियम से माता दुर्गा के शरणागत रहना चाहिए क्योंकि यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है।
इन दिनों में माता आपके हर दुखों को नष्ट करके सुख का वरदान देती हैं। इन नौ दिनों में मां की नौ रुपों की पूजा की जाती है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना अच्छा रहता है।

जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा :-

पहला नवरात्र 6 अप्रैल शनिवार को :- घट स्थापन व मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा

दूसरा नवरात्र 7 अप्रैल रविवार को :- मां चंद्रघंटा पूजा

तीसरा नवरात्र 8 अप्रैल सोमवार को :- मां कुष्मांडा पूजा

चौथा नवरात्र 9 अप्रैल मंगलवार को :- मां स्कंदमाता पूजा

पांचवां नवरात्र 10 अप्रैल बुधवार को :- पंचमी तिथि सरस्वती आह्वाहन

छष्ठ नवरात्र 11 अप्रैल वीरवार को :- मां कात्यायनी पूजा

सातवां नवरात्र 12 अप्रैल शुक्रवार को :- मां कालरात्रि पूजा

आठवां नवरात्र 13 अप्रैल शनिवार को :- मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री दुर्गा महाअष्टमी पूजा

नवमं नवरात्र 14 अप्रैल रविवार को :- मां महागौरी पूजा, महानवमी पूजा

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