महाकाल की नगरी में गणेश उत्सव, गजानन के रूप में सजे राजाधिराज
महाकाल की नगरी में गणेश उत्सव, गजानन के रूप में सजे राजाधिराज
डिजिटल डेस्क, उज्जैन। महाकाल बाबा की नगरी महाकालेश्वर ज्योर्तिंग में हर उत्सव का अलग ही रंग नजर आता है। बाबा स्वयं इस उत्सव में रंगे नजर आते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने मिला। महाकाल बाबा का श्रृंगार गणपति के रूप में ही किया गया। हर त्योहार की तरह इस महाकाल बाबा के दरबार में गणेश उत्सव का भी उल्लास देखने मिला। ये नजारा अब दस दिनों तक देखने मिलेगा।
त्रिनेत्रधारी का रूप
गणेश चतुर्थी के अवसर पर बाबा को बप्पा के अलग-अलग तीन रूपों में सजाया गया। शनिवार सुबह की भस्मारती में भी त्रिनेत्रधारी का रूप बेहद आलौकिक नजर आया। विधि-विधान से पूजन, आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
पूजन का अलग महत्व
यहां आपको बता दें कि उज्जैन में हर पर्व की शुरुआत महाकाल के आंगन से ही होती है। बाबा की आरती पूजन का अलग ही महत्व है। यहां पहले श्मशान की ताजी राख से भस्मारती की जाती थी, किंतु अब गाय के गोबर से बने उपले की ताजी राख से होती है। सावन और भादों की शाही सवारी में भी राजाधिराज के ठाठ देखते ही बनते हैं।