36 अंक है खास, सबसे शक्तिशाली साधना के लिए सिर्फ 3 दिन शेष
36 अंक है खास, सबसे शक्तिशाली साधना के लिए सिर्फ 3 दिन शेष
टीम डिजिटल, भोपाल। 24 जून से गुप्त नवरात्र आरंभ हो चुके हैं जो 2 जुलाई तक रहेंगे। 3 जुलाई को दशमी के दिन विश्राम होगा। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र का समय होता है। इन नौ दिनों में मां का पूजन गुप्त रूप से किया जाता है, तभी तो इन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। तंत्र साधक इन दिनों में नवदुर्गा के नव रूपों की नहीं बल्कि दस महाविद्याओं की साधना करते हैं।
तंत्र साधना करने वालों के लिए यह दिन खास होते हैं। दस महाविद्याएं इन दिनों की गई पूजा से जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।
दस महाविद्यायों में माता बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं। संपूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति इनमें समाई हुई है। शुभ समय में बगलामुखी आराधना करने से शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय, शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश तथा जीवन में समस्त प्रकार की बाधाओं से मुक्ती पाई जा सकती है।
यह माता पीताम्बरा के नाम से भी जानी जाती हैं, यह पीले वस्त्र धारण करती हैं इसलिए इनकी पूजा में पीले रंग की सामग्री का प्रयोग किया जाता है। देवी बगलामुखी का वर्ण स्वर्ण के समान पीला है। अत: साधक को माता बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र पहनने चाहिए क्योंकि इन्हें पीला रंग और 36 की संख्या बहुत प्रिय है। इनका मंत्र भी 36 अक्षरों का है इसलिए 3600, 36,000 के क्रमानुसार ही मंत्र जाप करना चाहिए।
नोट : ये साधनाएं केवल गुरु के मार्गदर्शन से ही पूर्ण हो सकती हैं अन्यथा घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।