कालाष्टमी: आज भगवान शिव जी के रूद्र अवतार की ऐसे करें पूजा, जानें मुहूर्त

कालाष्टमी: आज भगवान शिव जी के रूद्र अवतार की ऐसे करें पूजा, जानें मुहूर्त

Manmohan Prajapati
Update: 2020-05-12 11:11 GMT
कालाष्टमी: आज भगवान शिव जी के रूद्र अवतार की ऐसे करें पूजा, जानें मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू कैलेंडर के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती है। वैशाख माह में कालाष्टमी 14 मई गुरुवार को मनाई जाएगी। बता दें कि कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन काल भैरव की पूजा होती है, कालाष्टमी के दिन देवों के देव महादेव के रौद्र स्वरूप काल भैरव जी की उपासना की जाती है, यह दिन भगवान शिव जी के रूद्र अवतार काल भैरव के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

कालभैरव को शिव का पांचवा अवतार माना गया है। इनके दो रूप है पहला बटुक भैरव जो भक्तों को अभय देने वाले सौम्य रूप में प्रसिद्ध है तो वहीं काल भैरव अपराधिक प्रवृतियों पर नियंत्रण करने वाले भयंकर दंडनायक है। माना जाता है कि कालाष्टमी का व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन से बहुत सी परेशानियां समाप्त हो जाती है। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में...

इस माह में आने वाले हैं ये व्रत/ त्यौहार, जानें इसका महत्व

मुहूर्त
कलाष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मई सुबह 6:51 बजे से 
कलाष्टमी तिथि समापन: 15 मई सुबह 8:21 बजे तक

करें ये उपाय
बता दें कि भगवान शिव जी के रूद्र अवतार भैरव को तंत्र का देवता माना गया है, इसलिए इनकी पूजा रात में करनी चाहिए। इस दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ता नहीं है तो किसी भी कुत्ते को खिलाकर यह उपाय कर सकते हैं। इससे न सिर्फ भगवान भैरव बल्कि शनिदेव की भी कृपा बरसेगी।

ऐसे करें पूजा
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें। 
- इस दिन भैरव मंदिर में जाकर आराधना करें।
- संभव ना होने पर अपने घर में भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

रामायण के इन प्रसंगों में दिखा हनुमानजी का सेवा भाव, ऐसे करें लोगों की मदद

- कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें।
- 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से "ॐ नम: शिवाय" लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- शाम के समय भगवान शिव के साथ माता पार्वती जी और भैरव जी की पूजा करें।
- भैरव जी की पूजा करने के लिए काले तिल, उड़द, दीपक, धूप और सरसों का तेल का उपयोग करें। 
- पूजा के दौरान भगवान भैरव की आरती करें।

Tags:    

Similar News