करवा चौथ आज: इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

करवा चौथ आज: इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

Manmohan Prajapati
Update: 2020-11-02 09:06 GMT
करवा चौथ आज: इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का त्यौहार 4 नवंबर बुधवार को यानी किआज है। इस दिन जहां सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं शिवयोग, बुधादित्य योग, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग भी बन रहे हैं। ये सभी योग इस दिन की महत्ता को बढ़ाएंगे। 

बता दें कि इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ्य शरीर की कामना के लिए व्रत रखती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे और इच्छित वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।

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तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 4 नवंबर, सुबह 3:24 बजे से
तिथि समापन: 5 नवंबर, प्रातः 5:14 बजे 

पूजा मुहूर्त: 4 नवंबर की शाम 05 बजकर 29 मिनट से
समापन: शाम 06 बजकर 48 मिनट तक
चंद्रोदय: शाम 7 बजकर 57 म‍िनट पर होगा

पूजा के लिए सामग्री
करवा चौथ की पूजन सामग्री में मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे शाम‍िल हैं।

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ऐसे करें पूजा
इस दिन भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा का पूजन करें। 
शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य बनाएं। 
पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें

"ॐ शिवायै नमः" से पार्वती का 
"ॐ नमः शिवाय" से शिव का
"ॐ षण्मुखाय नमः" से स्वामी कार्तिकेय का
"ॐ गणेशाय नमः" से गणेश का 
"ॐ सोमाय नमः" से चंद्र देव का पूजन करें।

- करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर नैवेद्य अर्पित करें। 
- एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित कर पूजन समापन करें। 
- करवा चौथ व्रत की कथा पढ़ें अथवा सुनें। 
- पति की माता अर्थात अपनी सासू मां को भेंट रूप से एक लोटा, वस्त्र व विशेष करवा भेंट कर आशीर्वाद लें। 
- यदि सासू मां जीवित न हों तो उनके तुल्य किसी अन्य स्त्री को भेंट करें। 
- कुआंरी कन्याएं किसी सुहागन वृद्ध महिला को भेंट स्वरुप वस्त्र या कुछ सुहाग सामग्री भेंट में दें। 
- इसके पश्चात स्वयं व परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें। 

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