जानें कब है ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी, इस रंग के वस्त्र पहनकर पूजना करना होगा शुभफलदायी

धर्म जानें कब है ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी, इस रंग के वस्त्र पहनकर पूजना करना होगा शुभफलदायी

Ankita Rai
Update: 2022-06-02 06:51 GMT
जानें कब है ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी, इस रंग के वस्त्र पहनकर पूजना करना होगा शुभफलदायी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर महीने में 2 चतुर्थी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस समय ज्येष्ठ माह प्रांरभ हो गए हैं। इसी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत मनाया जाएगा। इस बार विनायक चतुर्थी 03 जून को पड़ रही हैं। विनायक चतुर्थी के नाम से ही समझ आ जाता है कि यह भगवान गणेश के लिए मनाई जाती है। इस दिन विधि विधान से गणेश जी की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा करना बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त ,महत्व और विधि।

विनायक चतुर्थी व्रत तिथि 
हिंदू पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी 2 जून दिन गुरुवार को देर रात 12 बजकर 17 मिनट पर शुरु होकर  3 जून शुक्रवार को देर रात 2 बजकर 41 मिनट पर रहेगी। विनायक चतुर्थी का व्रत 3 जून शुक्रवार को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 : 56 मिनट  से 1: 43 मिनट तक रहेगा। 

विनायक चतुर्थी पूजा विधि 

विनायक चतुर्थी व्रत के दिन सुबह उठ कर स्नानादि करके पीले या लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद अब पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति रख कर उसका जलाभिषेक करें और सिंदूर का तिलक लगाएं। भगवान को अब दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान का भोग लगाएं। पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर और अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत खोले। पारण के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। 

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। विधि विधान से पूजा करने से आप के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में सुख एवं सौभाग्य बढ़ता है। भगवान गणेश जी की कृपा से तरक्की मिलती है। सभी रोग और दोष दूर हो जाते हैं। 

 

डिसक्लेमर- ये जानकारी धर्म से जुड़ी अलग अलग किताबें और अध्ययन के आधार पर है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता।

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