रात होते ही देवी दर्शन को आते हैं बाघ, फाॅरेस्ट विभाग की निगरानी में है ये मंदिर
रात होते ही देवी दर्शन को आते हैं बाघ, फाॅरेस्ट विभाग की निगरानी में है ये मंदिर
डिजिटल डेस्क, पटना। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के दर्शन करा रहे हैं, जहां बाघ खुद पहुंचकर मां के दरबार में दर्शन देते हैं। मंदिर को लेकर अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं, लेकिन इसे लेकर एक कथा भी कही जाती है, जो कि स्थानीय लोगों द्वारा सर्वमान्य है।
पाल सीमा पर बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य सड़क एनएच 28B से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वनों के बीच मदनपुर देवी का मंदिर स्थित है। मदन सिंह राजा के नाम पर इस स्थान का नाम मदनपुर देवी का स्थान पड़ा। स्थानीय लोगाें का मानना है कि यहां आज भी रात में बाघ देवी दर्शनों के लिए आते हैं। जिसकी वजह से यहां देर रात लोगों के प्रवेश पर रोक है और वन विभाग कर्मियों का सख्त पहरा रहता है।
आस्था और विश्वास का केंद्र बन चुके मां मदनपुर के दरबार में नेपाल से लेकर यूपी तक भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
नहीं माने राजा और...
मदनपुर स्थान पर रासो गुरु पुजारी बाघों से धान की बुवाई कराते थे। इस चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकर मदन राजा खुद वहां पहुंचे और पुजारी से मां देवी के दर्शन की जिद करने लगे। पुजारी रासो गुरु ने मदन राजा को चेतावनी दी गई कि मां के दर्शन की जिद छोड़ दें, क्योंकि इससे अनहोनी की आशंका है। राजा ने बात नहीं मानी और देवी का एक हाथ पुजारी रासो का सिर फाड़ते हुए बाहर निकल आया।
फट गई धरती
बताते हैं कि इस दौरान इलाके में अंधेरा छा गयाए गर्जना के साथ धरती फट गई और राजा मदन सिंह का राजमहल धरती में समा गया। जब मदन राजा का विनाश हुआ तो उस समय रानी सती अपने मायके गई थीं और वो गर्भ से थी। पूरे हादसे में वही एक मात्र बची थीं जिनकी संतान से आज बड़गांव दरबार का वंशज कायम है।