पूजन में उपयोगी , इस पेड़ की छांव में आते ही हो जाती है सांप की मौत

पूजन में उपयोगी , इस पेड़ की छांव में आते ही हो जाती है सांप की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-23 05:02 GMT
पूजन में उपयोगी , इस पेड़ की छांव में आते ही हो जाती है सांप की मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपने अब तक जितने भी वृक्ष या पेड़ों के बारे में पढ़ा है उनमें ये सबसे अनोखा है। इसका जितना धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेद की दृष्टि से भी इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता। इसे लेकर माना जाता है कि सांप यदि इस पेड़ की परछाई में भी आ जाए तो उसकी मौत हो जाती है। वह भी बुरी तरह। इस पेड़ को गरूड़ पेड़ या वृक्ष के नाम से जाना जाता है।

 

भगवान को छुड़ाया 

कहा जाता है कि किसी भी प्रजाति का सांप इस पेड़ की छांव में जीवित नहीं रह सकता। इसे लेकर वर्णन मिलता है कि जब रावण के पुत्र मेघनाथ ने भगवान श्रीराम को नागपास में बांध दिया था तब गरूड़ ने ही उन्हें इन जहरीले नागों से मुक्त कराया था। मान्यता है कि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को मुक्त कराने के बाद जब गरूड़ अपने धाम को वापस लौट रहे थे तब वे कुछ देर के लिए इसी पेड़ पर आराम करने के रूके थे। तभी से इस पेड़ को असीम और अद्भुत शक्तियां प्राप्त हुईं और वह गरूड़ पेड़ के नाम से जाना गया। 

 

तक्षक नाग के समान फल 

ये पेड़ दुर्लभ माना जाता है और अमरकंटक, विंध्याचल पर्वत श्रेणियों में ही मिलता है। कार्तिक मास में इसमें फल आते हैं, जिनकी आकृति तक्षक नाग के समान होती है। दूर से देखने पर लगता है, जैसे पेड़ पर सर्प लटक रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस पेड़ से कुछ ऐसे रसायन का स्राव होता है जिससे पेड़ के संपर्क में आते ही सांपों की मौत हो जाती हैं। 

 

पत्तियां और लकड़ी भी पूज्यनीय 

यह पेड़ पूजा में उपयोगी माना जाता है। विष्णु पूजन के अतिरिक्त भी गरूड़ पूजन में भी इस पेड़ की पत्तियां और लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। इसे घर पर लगाना या इसकी पत्तियाें काे रखना अतिशुभ माना जाता है।

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