इस विधि से करें पूजा, मंगलमूर्ति हरेंगे संकट

सकट चौथ 2022 इस विधि से करें पूजा, मंगलमूर्ति हरेंगे संकट

Manmohan Prajapati
Update: 2022-01-20 12:02 GMT
इस विधि से करें पूजा, मंगलमूर्ति हरेंगे संकट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू शास्त्र में माघ माह में आने वाली सकट चौथ का विशेष महत्व बताया गया है। सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है। इस साल सकट चौथ शुक्रवार के दिन 21 जनवरी को है। सकट चौथ को सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है। सभी जानते हैं कि प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं, हर पूजा के पहले गणेश जी की पूजा होती है।  

माना जाता है कि, इस दिन जो भी माताएं गणेश जी की विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत करती हैं, उनकी संतान हमेशा निरोग रहती है। गणेश भगवान के इस रूप की पूजा अर्चना करने से यश, धन, वैभव और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पूजा की विधि...

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पूजन विधि
सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें। पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें। चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें। भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें। अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।

इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें. इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

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