सोमवती अमावस्या कल, 108 परिक्रमा के साथ इस विधि से करें पूजा

सोमवती अमावस्या कल, 108 परिक्रमा के साथ इस विधि से करें पूजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-16 03:20 GMT

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवती अमावस्या इस वर्ष सोमवार 18 दिसंबर 2017 को पड़ रही है। यह दिन भी व्रत का है। सोमवती समस्या अर्थात किसी भी माह की अमावस्या जब सोमवार को आती है तो उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सोमवती अमावस्या विशेष रूप से शिव की उपासना का दिन माना गया है। इस दिन जो भी भक्त व्रत रखते हैं उन्हें इसका शुभ फल प्राप्त होता है एवं भगवान शंकर उन्हें उचित मार्ग प्रदान करते हैं। इस दिन पवित्र नदी, सरोवरों में ब्रम्हमुहूर्त में स्नान कर व्रत प्रारंभ करना चाहिए। ये अत्यंत ही शुभ बताया गया है। 


सोमवती अमावस्या पर  पूजा 
सोमवती अमावस्या पर शिव के साथ हनुमानजी का पूजन भी किया जा सकता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विधान है। 108 बार वृक्ष की परिक्रमा कर पीपल के पेड़ पर श्रीविष्णु पूजन का नियम है। मुख्य रूप से यह व्रत विवाहित स्त्रियां करती हैं। ऐसा करने से पति को दीर्घायु प्राप्त होती है। यह पूजा, व्रत गोदान के समान ही फल प्रदान करता है। 

 

पूजन के दौरान पीपल के वृक्ष में दूध, जल को अर्पित कर पुष्प, अक्षत, चन्दन लगाकर नमन करें। इसके बाद इस वृक्ष के  चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा पूर्ण करें। प्रदिक्षणा पूर्ण करने के बाद अपने सामथ्र्य के अनुसार दान करें एवं सभी के बीच प्रसाद वितरित करें। यह अनेक ग्रह दोषों को शांत करने वाला व्रत बताया गया है। 


भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को समझाया था महत्व
ऐसी मान्यता है कि महाभारत में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाया था। उन्होंने कहा था कि इस दिन व्रत, उपवास और विधि-विधान से पूजन करने पर पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।व्यास ऋषि के अनुसार इस विशेष तिथि पर यदि मौन रहकर स्नान ब्रम्हमुहूर्त में किया जाए तो सहस्त्र गौ दान के समान पुण्य का फल प्राप्त होता है।

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