पूजा में फूलों का महत्त्व, तामसिक, राजसिक या सात्विक...जानिए किस फूल में है कौनसा सत्व? 

पूजा में फूलों का महत्त्व, तामसिक, राजसिक या सात्विक...जानिए किस फूल में है कौनसा सत्व? 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-21 08:02 GMT
पूजा में फूलों का महत्त्व, तामसिक, राजसिक या सात्विक...जानिए किस फूल में है कौनसा सत्व? 


डिजिटल डेस्क, डिजिटल डेस्क । हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में ईश्वर की पूजा के अलग-अलग तरीकों का वर्णन किया गया है। इसके अलावा इस बात का भी उल्लेख है कि अपने अराध्य देव की पूजा करते समय आपको किन-किन सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए। कुछ सामान्य सामग्रियां ऐसी होती हैं जिन्हें हर देवी-देवता की पूजा में सम्मिलित किया जाता है, जिनमें सबसे पहला नाम पुष्पों का होता है। पवित्रता, कोमलता और स्वच्छता के प्रतीक के तौर पर फूलों का अर्पित किया जाता है, लेकिन जिन फूलों को आप अपने अराध्य देव पर अर्पित करते हैं, क्या आप उनकी प्रकृत्ति को जानते  हैं? क्या आप जानते हैं कि वे तामसिक हैं राजसिक हैं या सात्विक हें ? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं। 
अगर इस सवाल का जवाब अपके पास नहीं है तो हम आपको बताते हैं कि कौन से फूल किस प्रकृत्ति से संबंधित हैं और उनका उपयोग किस तरह या किस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए किया जा सकता है।

 

 

 

 

सात्विक प्रकृत्ति

कमल, चमेली... यह सात्विक प्रकृत्ति के फूल हैं। अगर आपके घर में कोई व्यक्ति किसी गंभीर शारीरिक परेशानी से ग्रस्त है, कोई पारिवारिक सदस्य बहुत बीमार है तो आपको अपने अराध्य देव-देवी को पर इन पुष्पों को अर्पित करना चाहिए। यह सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं।

 

 

राजसिक प्रकृत्ति

गुलाब, गुड़हल, धतुरा...ये सभी राजसिक प्रकृत्ति के पुष्प होते हैं। ये ब्रह्मांड की विभिन्न शक्तियों जिनमें समृद्धि, खुशहाली और आपसी संबंधों को मजबूत करने वाली ऊर्जाएं शामिल हैं, देवता को आकर्षित करते हैं।

 

 

तामसिक प्रकृत्ति

केतकी के फूलों की प्रकृत्ति तामसिक होती है, अगर कुछ ऐसी आदते हैं जो आपके स्वभाव और चरित्र में गहराई के साथ बैठ गई हैं, उनसे मुक्ति पाना आपके लिए बिल्कुल आसान नहीं है तो आपको देवी दुर्गा को केतकी के फूल अर्पित करने चाहिए।

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