अजय देवगन बनेंगे सैयद अब्दुल रहीम, बताएंगे भारतीय फुटबॉल की महान कहानी

अजय देवगन बनेंगे सैयद अब्दुल रहीम, बताएंगे भारतीय फुटबॉल की महान कहानी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-13 06:54 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक की बहार आई हुई है। हर एक बड़ा स्टार और फिल्ममेकर गुजरे दौर के किस्सों और किरदारों को बड़े परदे पर उतारने को तैयार है। रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, दिलजीत दोसांझ और अक्षय कुमार के बाद अब अजय देवगन भी इसी लिस्ट में शामिल हो गए हैं। खबर है कि अजय जल्द ही इंडियन फुटबॉल टीम के कोच रहे सैयद अब्दुल रहीम पर बनने वाली बायोपिक में लीड रोल निभाते नजर आएंगे। गौरतलब है कि सैयद अब्दुल रहीम साल 1950 से 1963 तक भारत की फुटबॉल टीम के कोच और मैनेजर रहे थे। इस बायोपिक से जुड़ी एक तस्वीर रिलीज की गई है, जिसमें भारतीय टीम के खिलाड़ी बिना जूतों के फुटबॉल के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। साथ ही इस तस्वीर पर लिखा है, "भारतीय फुटबॉल के स्वर्ण युग की अनकही कहानी, जल्द ही एक फिल्म के रूप में।"

                      



जब भारत ने FIFA WORLD CUP के लिए किया था क्वालीफाई
फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल कुछ ही घंटों में खेला जाना है और हमेशा की तरह भारतीय प्रशंसक इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि करोड़ों की आबादी वाले देश में फुटबॉल को खास तवज्जो नहीं मिलती है। ऐसे प्रशंसकों को सैयद अब्दुल रहीम की ये आने वाली बायोपिक राहत दे सकती है, क्योंकि इसमें भारतीय फुटबॉल के स्वर्ण युग की कहानी को दिखाया जाएगा। आमतौर पर माना जाता है कि 1950 से 1962 तक भारत में फुटबॉल का गोल्डन पीरियड रहा था। साल 1950 में हुए फीफा वर्ल्ड कप के लिए भारत की टीम क्वालिफाई भी कर चुकी थी, लेकिन कुछ वजहों से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने टीम को वर्ल्ड कप नहीं भेजा। ये भी कहा जाता है कि AIFF उस दौर में FIFA वर्ल्ड कप से ज्यादा तरजीह ओलंपिक्स को देता था, जिसका बड़ा नुकसान भारतीय फुटबॉल को हुआ। 1950 से 1962 के दौरान भारत को एशिया की सबसे शक्तिशाली फुटबॉल टीम माना जाता था। इसी बीच भारत 1951 में हुए एशियन गेम्स में भी भारत ने जीत हासिल की थी। यहां तक की 1956 के ओलंपिक्स में भारत की टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी और ऐसा करने वाली वो पहली एशियाई टीम थी।

                      



बोनी कपूर और जी स्टूडियो मिलकर बनाएंगे ये बायोपिक फिल्म
सैयद अब्दुल रहीम की इस बायोपिक को जी स्टूडियो और बोनी कपूर मिलकर प्रोड्यूस कर रहे हैं। बोनी ने कहा कि, "मैं इस बात को सुनकर हैरान रह गया कि बहुत से लोगों को सैयद अब्दुल रहीम के बारे में मालूम नहीं है। एक ऐसे नायक जिनका ज्यादा बखान नहीं हुआ है, लेकिन उनकी उपलब्धियां सैल्यूट किए जाने लायक हैं। उनकी टीम में चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बलराम, फ्रैंको और अरुण घोष जैसे हीरो शामिल थे। सैयद अब्दुल रहीम जैसे किरदार को निभाने के लिए अजय देवगन जैसे ही अभिनेता ही जरूरत थी। मुझे उम्मीद है कि ये फिल्म भारत में युवाओं को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करेगी।"

                     



पहले भी बायोपिक कर चुके हैं अजय, बने थे सरदार भगत सिंह
वैसे अजय देवगन के लिए बायोपिक में काम करना कोई नई बात नहीं है। वो इससे पहले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जिंदगी पर बनी फिल्म "द लीजेंड ऑफ भगत सिंह" में टाइटल रोल निभा चुके हैं। उस दौर में सरदार भगत सिंह पर बनी तमाम फिल्मों के बीच में सिर्फ अजय की ही फिल्म को सराहा गया था और भगत सिंह का किरदार निभाने के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया था। फिलहाल सैयद अब्दुल रहीम की इस बायोपिक का टाइटल फाइनल नहीं हुआ है। इस फिल्म का डायरेक्शन अमित शर्मा करेंगे जो कि अर्जुन कपूर और सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म "तेवर" को निर्देशित कर चुके हैं।  

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