फोटो से परहेज, साधना के बारे में ये सीक्रेट नहीं जानते होंगे आप...

फोटो से परहेज, साधना के बारे में ये सीक्रेट नहीं जानते होंगे आप...

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-11 10:24 GMT
फोटो से परहेज, साधना के बारे में ये सीक्रेट नहीं जानते होंगे आप...

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड का एक जमाना हुआ करता था जब हिरोइन को खूबसूरत दिखने के लिए अंग प्रदर्शन या Bold फोटोशूट करवाने की जरुरत नहीं होती थी। वो होती ही इतनी खूबसूरत थी कि वो कुछ भी न करें तो भी खूबसूरत ही लगती थीं। पुराने जमाने की एक्ट्र्रेस आज की एक्ट्रेस से कहीं ज्यादा खूबसूरत और सुंदर हुआ करती थीं और उस समय कोई भी ऐसा नहीं था जो खूबसूरती के मामले में इनका मुकाबला कर सके। ऐसी ही एक एक्ट्रेस थी-साधना शिवदासनी। साधना को आज की यंग जनरेशन भले ही न जानती हों लेकिन पुराने लोगों का क्रश आज भी साधना ही होंगी। साधना भले ही फिल्म इंडस्ट्री में काफी चर्चित एक्ट्रेस हों लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने अपनी फोटो खिंचवाना बंद कर दिया था। वो नहीं चाहती थी कि कोई भी उनकी फोटो खींचे। 

क्यों नहीं खिंचवाती थी फोटो?

साधना पुराने जमाने में किसी परी से कम नहीं थी, लेकिन जब वो लाइमलाइट से दूर हुईं तो उन्होंने अपनी फोटो खिंचवाने से मना कर दिया था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया था क्योंकि वो अपने फैंस के बीच अपनी रील लाइफ इमेज को हमेशा जिंदा रखनी चाहती थी। उन्हें पता था कि सिनेमा से दूर होने के बाद अगर कोई उनकी फोटो देखेगा तो फैंस के दिमाग में साधना के लिए एक अलग ही इमेज बन जाएगी। लोग रील लाइफ की साधना को भूल जाएंगे। 

"साधना" नाम के पीछे भी है कहानी

साधना का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद साधना अपने माता-पिता के साथ भारत आ गईं। साधना के पिता ने उनका नाम साधना इसलिए रखा क्योंकि उनके पिता को 1930 की फेमस एक्ट्रेस साधना सिंह बहुत पसंद थी और उन्हीं के नाम पर उन्होंने अपनी इकलौती बेटी का नाम भी साधना रखा। साधना के चाचा हरि शिवदासनी और उनकी बेटी बबीता भी बॉलीवुड में खूब नाम कमा चुके हैं। 

पिता चाहते थे कि साधना एक्ट्रेस बने

आमतौर पर आजकल हमको क्या करना है, ये हम खुद डिसाइड करते हैं। लेकिन साधना के पिता ने उसी समय सोच लिया था कि साधना को एक्ट्रेस बनाना है और उनका सपना था कि साधना एक मशहूर एक्ट्रेस बने। उनके पिता ने ये सपना उस वक्त देखा था जब बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री को बुरा माना जाता था। अपना सपना पूरा करने के लिए उनके पिता ने उन्हें बचपन से ही से ही डांसिंग स्कूल भेजना शुरु कर दिया था। 1955 में जब वो 15 साल की थी तब उन्होंने "श्री 420" में डांस किया था। दरअसल, उस समय फिल्म के डांस डायरेक्टर एक गाने के लिए डांस ग्रुप के लिए कोरस में लड़कियों का सिलेक्शन करने आए थे। उन लड़कियों में साधना का सिलेक्शन भी हो गया। साधना इस फिल्म में रमैया वस्ता वैया और मुड़-मुड़ के न देख में ग्रुप कोरस में डांस किया था। 

पूरे देश में "साधना कट" के दिवाने हो गए थे लोग

साधना सबसे पहले एक सिंधी फिल्म "अबाणा" में नजर आई। इसके बाद उन दिनों उस समय के फिल्म प्रोड्यूसर सशधर मुखर्जी नई फिल्म "लव इन शिमला" की तैयारी कर रहे थे और इस फिल्म में वो अपने बेटे जॉय मुखर्जी को लॉन्च करने की सोच रहे थे, जिसके लिए उन्हें किसी नए चेहरे की तलाश थी। इस फिल्म के लिए साधना को लीड एक्ट्रेस के लिए चुना गया। इस फिल्म में साधना को एक नया लुक देने के लिए उनकी हेयरस्टाइल चेंज की गई। ये हेयरस्टाइल इतना फेमस हुआ कि इसको "साधना कट" के नाम से जाने जाना लगा। इसके बाद साधना ने कई फिल्मों में काम किया, वो आखिरी बार 1994 में बनी "उल्फत की नई मंजिलें" में नजर आई थी। 

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