फिल्म के संदेश में नफरत का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए : राहुल बोस
फिल्म के संदेश में नफरत का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए : राहुल बोस
मुंबई, 8 मई (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस डिजिटल प्लेटाफॉर्म पर एक-दो परियोजनाओं के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। उनका कहना है कि उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि कहानी में मानवतावाद का सार होना चाहिए और इसमें नफरत या घृणा का महिमामंडन नहीं होना चाहिए।
राहुल ने आईएएनएस को बताया, सच कहूं, तो किसी परियोजना के लिए हांमी भरने के नियमों में बदलाव नहीं होना चाहिए। मेरे लिए, कहानी मायने रखती है, न कि मेरे किरदार की इसमें लंबाई। मुझे लगता है कि अब लोग इस बात को समझ चुके हैं। मैं ऐसा इंसान नहीं हूं, जो शोहरत के पीछे भागता हो या कितने लोग उसके काम को देख रहे हैं, इसे लेकर वह चिंतित हो। एक दर्शक या कलाकार के तौर पर, मेरे लिए दर्शकों को खुद से जोड़े रखने के लिए कहानी महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित वेब सीरीज बॉम्बे बेगम्स के अलावा राहुल नेटफ्लिक्स ओरिजिनल बुलबुल में भी काम कर चुके हैं। वह बहु-प्रतीक्षित वेब सीरीज बाहुबली : बिफोर द बिगिनिंग का भी हिस्सा हैं।
राहुल अब तक कई भिन्न धारा की फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमें मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, झंकार बीट्स, चमेली, सूर्या, द जैपनीज वाइफ, आई एम और दिल धड़कने दो जैसी कई फिल्में हैं। फिल्मों के लिए हांमी भरने से पहले वह इस महत्वपूर्ण चीज पर विचार करते हैं।
राहुल कहते हैं, बीते दिनों, ऐसी कई फिल्में व परियोजनाएं मुझे पेश की गई थी, जिन्हें मैंने ना कर दिया था। देखिए, कहानी में थोड़ी बहुत मात्रा में मानवता होनी चाहिए। आप किसी व्यक्ति को बहुत बुरे अवतार में दिखा सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही आप सही संदेश भी पेश कर सकते हैं - कुछ विनाशकारी या नकारात्मक नहीं होनी चाहिए। इन संदेशों में नफरत या घृणा का महिमामंडन नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है, तो मैं उसका हिस्सा नहीं बनना चाहूंगा। बेशक मेरा किरदार विलेन का हो सकता है, लेकिन कुल मिलाकर फिल्म के संदेश में इसकी झलक नहीं होनी चाहिए।