कभी ब्रांड बनना चाहते थे कॉमेडियन लिलिपुट, आज कर्ज में हैं डूबे

कभी ब्रांड बनना चाहते थे कॉमेडियन लिलिपुट, आज कर्ज में हैं डूबे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 02:52 GMT
कभी ब्रांड बनना चाहते थे कॉमेडियन लिलिपुट, आज कर्ज में हैं डूबे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने कॉमेडियन लिलिपुट यानि की एम.एम फारुखी इन दिनों कर्ज में डूबे हुए हैं। फिल्म प्रोड्यूसर्स भी आज उन्हें काम देने से कतराते हैं। लिलिपुट ने टीवी के शो ‘देख भाई देख’ से अपनी पहचान बनाई है। 90 के दशक में कॉमेडियन के तौर पर लिलिपुट ने कई हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन आज उन्हें गुमनामी की जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। एक मैग्जीन के इंटरव्यूव में लिलिपुट ने खुद इस बात को स्वीकारा है कि वे आजकल अपनी बेटी के घर पर रह रहे हैं।

 

नहीं बन पाए ब्रांड

उन्होंने बताया कि दो शो की स्क्रिप्ट भी लिखकर तैयार हैं, जिसे लेकर वे कई निर्देशकों के पास गए, लेकिन कोई उनकी पटकथा को पर्दे पर उतारने को तैयार नहीं है। सब उन्हें ताना मारते हुए कहते हैं कि ‘बौने भी उठकर आ जाते हैं डायरेक्टर बनने।’ बता दें कि लिलिपुट पहले ऐसे बौने कलाकार हैं जिन्होंने दिसंबर 1975 में बॉलीवुड में कदम रखा था। लिलिपुट ने उस समय सोचा था कि वे खुद को एक ब्रांड के तौर पर इस्टैब्लिश करेंगे।

 

कोई भी रोल कर लेता हूं स्वीकार


आज लिलिपुट को फिल्मों में तो दूर सीरियल्स में भी काम नहीं मिल रहा है। हालांकि इन दिनों लिलिपुट अपने दोस्त और निर्देशक विक्रम राजदान की फिल्म "शॉट" की शूटिंग कर रहे हैं। लिलिपुट ने कहा कि उन्हें आज जो भी छोटा-मोटा रोल मिलता है स्वीकार कर लेते हैं। साल 2011 से 2013 तक वे टीवी शो सीआईडी और अदालत में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने इंटरव्यू में यह भी कहा कि जिन दिनों मेरी प्रसिद्धि बढ़ रही थी उन दिनों एक निर्देशक ने मुझसे कहा था कि तुम अपने कद से ज्यादा कभी नहीं आगे बढ़ पाओगे। आज मुझे उस निर्देशक की बात याद आती है।

 

लिलिपुट ने 1992 की फिल्म "चमत्कार" के संवाद और साल 1993-94 के सीरियल "देख भाई देख" की कहानी लिखी थी। उन्होंने कहा कि किसी भी कॉमेडी शो में आज उन्हें नहीं बुलाया जाता या कोई बड़ा रोल दिया जाता है। पुराने दिनों की एक बात साझा करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि एक एक्टर ने उनसे "स्टीफेन किंग की हॉरर नॉवेल पर बेस्ड इस सीरीज काम करने को लेकर कहा था कि आप सीरियस रोल भी करते हैं। मैं तो सोचता था कि बौने सिर्फ कॉमेडी के लिए बने होते हैं।"
 

 

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