अगले जन्म मोहे 'किन्नर' ना कीजो

अगले जन्म मोहे 'किन्नर' ना कीजो

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-20 11:07 GMT
अगले जन्म मोहे 'किन्नर' ना कीजो

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. जन्म से लेकर मौत तक किन्नरों का जीवन किसी अपराध से कम नहीं है. मरने के बाद भी उनकी यातनाऐं कम नहीं होती है. किन्नरों की दुनिया आम आदमी से हर मायने में अलग होती है. किन्नरों के बारे में काफी कम जानकारी ही आम लोगों को मिल पाई है. इनकी दुनिया जितनी अलग होती है, उतने ही इनके रीति-रिवाज़ और संस्कार भी अलग होते हैं.

हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब किसी किन्नर की मौत हो जाती है, तब उसकी डेड बॉडी के साथ क्या किया जाता है? उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है?

  • किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है.
  • इनकी मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा.
  • इनके अंतिम संस्कार को गोपनीय रखा जाता है.
  • बाकी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन की जगह रात में निकाली जाती है.
  • अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है. कहा जाता है ऐसा करने से उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है
  • वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं जाता बल्कि बॉडी को दफनाया जाता है.
  • अपने समुदाय में किसी की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते.
  • किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते है. उनका मानना ये है कि मौत के बाद किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से से मुक्ति मिल गई है.
  • मौत के बाद किन्नर समाज खुशियां मनाते हैं और अपने अराध्य देव अरावन से मांगते हैं कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं.

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