B’day Spcl: मनोज बाजपेयी ने ऐसे तय किया एक गांव से लेकर बॉलीवुड तक का सफर 

B’day Spcl: मनोज बाजपेयी ने ऐसे तय किया एक गांव से लेकर बॉलीवुड तक का सफर 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-23 09:05 GMT
B’day Spcl: मनोज बाजपेयी ने ऐसे तय किया एक गांव से लेकर बॉलीवुड तक का सफर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग और किरदार से दर्शकों का दिल जीतने वाले एक्टर मनोज बाजपेयी का आज 49वां जन्मदिन है। उनका जन्म 23 अप्रैल 1969 को बिहार के नरकटियागंज में हुआ था। मनोज बाजपेयी ने 1994 में फिल्म बैंडिट क्वीन से फिल्मों की दुनिया में कदम रखा था। स्ट्रगल से भरे करियर में कड़ी मेहनत कर अपना मुकाम हासिल किया। आइए जानते हैं उन्होंने कैसे बिहार के एक गांव से निकल कर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई।

 


बिहार के बेलवा गांव में हुआ था जन्म

मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार के बेलवा गांव में हुआ था। उनके पिता किसान और मां गृहणी थीं। मनोज बाजपेयी पांच भाई बहन हैं। मनोज ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किये हैं। उन्हें बचपन से ही फिल्मों का काफी शौक था और इसी सपने को पूरा करने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा। मनोज ने शुरुआती दौर में दिल्ली यूनिवर्सिटी में कई नाटक छोटे-मोटे किए। 

 



एक दिन में मिले तीन रिजेक्शन

मनोज के मुताबिक कड़े संघर्ष के बाद उन्हें एक टीवी शो में काम करने का मौका मिला लेकिन पहले टेक में ही रिजेक्ट हो गए। इसके बाद उन्हें एक फिल्म में छोटा सा किरदार मिला लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि वो रोल किसी और को दे दिया गया। 

 


बैरी जॉन के साथ काम करने के बाद चमका सितारा

मनोज नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का हिस्सा बनना चाहते थे लेकिन चार बार कोशिश करने के बाद भी उन्हें एडमिशन नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने थियेटर गुरू और रंगकर्मी बैरी जॉन से क्लासेज लीं और वो मनोज के काम से काफी प्रभावित हुए। बैरी जॉन के साथ काम करने के बाद मनोज ने दोबारा नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अप्लाई किया लेकिन इस बार उन्हें एडमिशन नहीं बल्कि फैकल्टी का हिस्सा बनने का ऑफर मिल गया। इस जॉब में उन्हें 1200 रुपये की सैलरी मिलती थी।

 


‘बेंडिट क्वीन’ से किया बॉलीवुड में डेब्यू

उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले फेमस सीरियल स्वाभिमान में अभिनय किया। मनोज बाजपेयी ने 1994 में रिलीज हुई फिल्म बेंडिट क्वीन से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इसके बाद इसके बाद वो 1996 में आई फिल्म दस्तक में एक पुलिस वाले के रोल में नजर आए। फिल्म दिल पे मत ले यार में पहली मनोज अभिनेत्री तब्बू के साथ बार लीड रोल में दिखाई दिए और उसके बाद सत्या, प्रेम कथा, पिंजर जैसी कई फिल्मों में काम किया। सत्या और पिंजर के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अपने प्रोडक्शन के बैनर तले फिल्म मिसिंग का निर्माण किया था लेकिन उनकी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। 

 


मनोज की जिंदगी में ऐसे आए बुरे दौर

एक समय ऐसा भी आ गया था जब मनोज बाजपेयी को काम मिलना मुश्किल हो गया था। उन्होंने मुंबई छोड़ने का मन बना लिया था लेकिन सपना पूरा करने की जिद में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उन्हें अच्छी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। उन्होंने बड़े पर्दे कर कई किरदार निभाए। उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म गैंग्स ऑफ वसेपुर मानी जाती है। जबकि मनोज राजनीति को अपने करियर की सबसे बड़ी फिल्म मानते हैं। उनका मानना है कि इसी फिल्म से उनका करियर वापस पटरी पर आया। उनकी टॉपटेन फिल्मों में गैंग्स ऑफ वसेपुर, सत्या, कौन, राजनीति, स्पेशल 26, पिंजर, अलीगढ़, शूट आउट एट वडाला, तेवर, जुबैदा के नाम शामिल हैं। 


 

2006 में शबाना रजा से की शादी 

मनोज की पहली शादी दिल्ली की एक लड़की से हुई थी जो कि ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी। दोनों के तलाक के बाद मनोज की मुलाकात एक्ट्रेस शबाना रजा से हुई जो नेहा के नाम से जानी जाती हैं। नेहा फिल्म करीब में काम कर चुकी है। दोनों ने 2006 में शादी की। मनोज की एक बेटी भी है। 

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