Movie Review: कमजोर सस्पेंस और बोल्ड सीन से भरी है जरीन खान की 'अक्सर 2'

Movie Review: कमजोर सस्पेंस और बोल्ड सीन से भरी है जरीन खान की 'अक्सर 2'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-17 06:22 GMT
Movie Review: कमजोर सस्पेंस और बोल्ड सीन से भरी है जरीन खान की 'अक्सर 2'

निर्माता: नरेंद्र बजाज, चिराग बजाज 

निर्देशक: अनंत महादेवन 

संगीत निर्देशक: मिथुन 

कलाकार: जरीन खान, गौतम रोड़े, अभिनव शुक्ल, मोहित मदान, लीलेट दुबे, एस. श्रीसंत 

शैली: सस्पेंस-थ्रिलर 

रेटिंग: 2.0 स्टार

 

निर्देशक परिचय:  

अनंत नारायण महादेवन हिंदी और मराठी फिल्मों के पटकथा लेखक हैं। उन्होंने टेलीविजन धारावाहिकों का भी निर्देशन किया है। मराठी फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला है। उनके निर्देशन में बनी "गौर हरि दास्तां" फिल्म फेस्टिवल में गई है। निर्देशक की अगली दो फिल्में "रफ बुक" और "बाजार" गोवा फिल्म फेस्टिवल में उत्साह बनाए हुए हैं।

 

कहानी 

फिल्म की कहानी की शुरुआत अरबों रुपयों की मालकिन मिसेज खंबाटा (लिलेट दुबे) से शुरू होती है। मिसेज खंबाटा अपने मैनेजर पैट(गौतम रोडे) को कहती हैं कि वह घर और उनकी देखभाल के लिए किसी बुजुर्ग महिला को नौकरी पर रखे। पैट एक केयर टेकर के लिए इस्तहार दे देता है। इसके बाद एक लड़की का एप्लीकेशन आता है जिसे पैट नौकरी पर रख लेता है। केयर टेकर के रुप में शीना रॉय (जरीन खान) आती है। हालांकि मिसेज खंबाटा किसी बुजुर्ग महिला की नियुक्ति चाहती थी, लेकिन फिर भी उनकी चाहत को दरकिनार करते हुए पैट शीना को एक मौका देने के लिए मिसेज खंबाटा को मना लेता है, लेकिन इन सब से अंजान शीना को नहीं पता होता कि उसे अपनी इस जॉब के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पैट नौकरी के बदले में शीना से एक फेवर मांगने लगता है, जिसे मना करने पर वह शीना को नौकरी से निकालने की धमकी देता है। शीना मजबूरी में उसकी बात मान लेती है क्योंकि उसके प्रेमी बुरी हालत से गुजर रहा है। इसके कुछ समय बाद ही पैट एक स्कैंडल में फंस जाता है। फिल्म में आगे क्या होता है यह जानने के लिए आपको  थिएटर जाना ही पड़ेगा।

पटकथा और निर्देशन

पटकथा के लिहाज से फिल्म कुछ खास नहीं है। जरीन खान की पिछली फिल्मों की तरह ही यह फिल्म भी बस रोमांटिक सीन्स से भरपूर है। निर्देशन की बात की जाए तो अनंत महादेवन ने ठीक निर्देशन किया है, लेकिन कहानी दिलचस्प है। फिल्म में कुछ नया ट्रीटमेंट नहीं है। फिल्म में सिनेमेटोग्राफी अच्छी है।

अभिनय और संगीत

इस फिल्म में जरीन खान का फिर से वहीं लुक और एक्टिंग देखने को मिलती है जैसी हेट स्टोरी, वजह तुम हो, जैसी फिल्मों में दिखी। वहीं गौतम रोडे और अभिनव शुक्ल, मोहित मदान का अभिनय ठीक ठाक है। इस फिल्म में श्रीसंत ने पहली बार काम किया है वे एक वकील की भूमिका में हैं, उनकी एक्टिंग भी ठीक ही है। फिल्म में मिथुन ने संगीत दिया है। तीनों ही गाने सुनने में अच्छे हैं, लेकिन कोई भी गाना याद रखने लायक नहीं है।

 

क्यों देंखे ?

अगर आप सस्पेंस थ्रिलर फिल्में देखना पसंद करते हैं तो फिल्म देख सकते हैं, या फिर आप जरीन खान के फैन है तो फिल्म देख आए, बाकि फिल्म की कहानी में कुछ खास नहीं हैं, श्रीसंत को देखना एक नया अनुभव हो सकता है।

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