अब कानपुर बना फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा शूटिंग स्थल

अब कानपुर बना फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा शूटिंग स्थल

IANS News
Update: 2019-09-29 12:00 GMT
अब कानपुर बना फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा शूटिंग स्थल

कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ के बाद अब कानपुर हिंदी फिल्म निर्माताओं के लिए पसंदीदा शूटिंग स्थल बनता जा रहा है।

शहर में शूट की जा रही फिल्मों से यहां की अर्थव्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है, ऐसे में लोग अधिक से अधिक रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं और यहां तक कि होटल इंडस्ट्री भी खुद में सुधार कर रही है, ताकि यह फिल्म निर्माताओं के मांगों की पूर्ति कर सके।

कानपुर शहर उस वक्त सबसे ज्यादा लाइमलाइट में आया, जब साल 2005 में यहां फिल्म बंटी और बबली की शूटिंग हुई। इस फिल्म में शहर की मशहूर मिठाई की दुकान ठग्गू के लड्डू को दिखाया गया है और यहां के व्यस्त बड़ा चौराहा व चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी को भी दिखाया गया है।

सलमान खान की फिल्म दबंग 2 भी यहीं की कहानी पर आधारित है। फिल्म ने कानपुर कोतवाली के असेंबल या मॉन्टेज शॉट्स का उपयोग किया है। इसके बाद फिल्मकार विशाल मिश्रा ने अपने फिल्मों की शूटिंग यहां की, जिनमें मधुर एक्सप्रेस और होटल मिलान शामिल हैं।

मिश्रा ने कहा, कानपुर में ऐसे कई सारे लोकेशन हैं, जो फिल्म को यर्थाथपरक और विश्वसनीय बनाते हैं। वाराणसी और लखनऊ जैसे शहरों को अक्सर बड़े पर्दे पर दिखाया जाता रहा है, लेकिन कानपुर का उपयोग अभी भी उस तरह से नहीं किया गया है।

फिल्मकार इसरार अहमद कानपुर से हैं और अपनी पहली फिल्म लतीफ के लिए उन्होंने अपने होमटाउन को ही चुना और इसके साथ ही साथ राजपाल यादव और सुनील पाल अभिनीत अपनी अगली फिल्म सुपर जासूस की शूटिंग के लिए भी वह इसी शहर पर टिके रहे।

स्त्री के निर्देशक अमर कौशिक की आने वाली आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म बाला की शूटिंग भी यहीं हुई है। फिल्म में यहां के लगभग हर मशहूर जगह को दिखाई जाएगी, जिनमें मॉल रोड, सिविल लाइन्स, मेथोडिस्ट हाई स्कूल और अनवरगंज रेलवे स्टेशन शामिल है।

उन्होंने कहा, मेरी फिल्म एक छोटे शहर के आदमी के बारे में है। मैंने सोचा कि कानपुर इसके लिए आदर्श लोकेशन है। बड़े पर्दे पर दिखाए जाने के लिए यहां कई आकर्षक स्थान हैं।

कानपुर के प्रति अचानक से फिल्म निर्माताओं की रुचि पैदा होने का प्रमुख कारण यह है कि यहां ऐसी कई सारी जगहें हैं, जिनमें पुराने दौर की झलक आज भी मिलती है। जैसे कि बिठूर के गंगा घाट, चमड़े के कारखाने, पुराने शहर के कई इलाके जैसे कि आनंद बाग, पी रोड, शिवाला और डीएवी डिग्री कॉलेज इत्यादि।

लाइन निर्माता (एक प्रकार का फिल्म निर्माता) मोहम्मद रिजवान ने कहा, आप यहां पुराने बंगलों से लेकर तंग गलियां और बड़े-बड़े रिजॉर्ट तक सबकुछ पा सकते हैं।

उन्होंने कहा, निर्देशक अनुभव सिन्हा आर्टिकल 15 के एक दृश्य की शूटिंग गांव में एक नदी के किनारे करना चाहते थे। मैंने एक ऐसी जगह की तलाश की और कानपुर-लखनऊ राजमार्ग के पिछड़े इलाके में स्थित बिछिया गांव को चुना।

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