बीआरओ ने झारखंड से मजदूरों को लाने स्पेशल ट्रेनें मांगी

बीआरओ ने झारखंड से मजदूरों को लाने स्पेशल ट्रेनें मांगी

IANS News
Update: 2020-06-01 18:00 GMT
बीआरओ ने झारखंड से मजदूरों को लाने स्पेशल ट्रेनें मांगी

नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। सीमा सड़क संगठन(बीआरओ) ने चीन की सीमा से सटे लेह, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड में बड़ी परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूरे करने के लिए श्रमिकों को लाने हेतु झारखंड से विशेष ट्रेनों का संचालन करने की रेलवे से अनुमति मांगी है।

बीआरओ ने यह आग्रह ऐसे समय किया है, जब बीते सप्ताह झारखंड ने लेह और कारगिल में सड़क निर्माण के कार्य से जुड़े अपने फंसे 57 मजदूरों को एयरलिफ्ट किया था।

बीआरटीएफ (सीमा सड़क कार्यबल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां सोमवार को आईएएनएस से कहा कि लद्दाख में परियोजना के लिए करीब 8200 मजदूरों और जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 2500 मजदूरों की जरूरत है।

विजयक परियोजना के तहत बीआरटीएफ के कमांडर कौशिक मित्रा ने आईएएनएस से कहा, हमें कारगिल और लेह जिले के बीच नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप सड़क निर्माण कार्य के लिए 8200 मजदूरों की आवश्यकता है।

सामान्य स्थिति में, मजदूर अप्रैल में खुद से आ जाते हैं, लेकिन इसबार लॉकडाउन की वजह से वे नहीं आए हैं।

मित्रा ने कहा कि यह जरूरी है कि रणनीतिक परियोजनाओं की गति न रुके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीआरओ ने गृहमंत्रालय की अनुमति ले ली है और रेलवे से इस बाबत आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि बीआरटी की दो परियोजनाएं विजयक और हिमांक लद्दाख में चल रही हैं और एक परियोजना जम्मू एवं कश्मीर में, एक-एक परियोजनाएं हिमाचल व उत्तराखंड में चल रही हैं।

उन्होंने कहा, मजदूरों को यहां लाने के लिए, हमने जिला प्रशासन से हाथ मिलाया है। उन्हें झारख्ांड के दुमका और देवघर जिलों से लाया जाएगा।

बीआरओ टीम 30 मई को दुमका और देवघर जिलों में पहुंच चुकी है और जिला प्रशासन व रेलवे से सामंजस्य स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें यहां लाने से पहले उनकी सहमति ली जाएगी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन प्रवासी मजदूरों को उधमपुर छोड़ देगी, जहां से उन्हें लेह, लद्दाख, श्रीनगर और कारगिल क्षेत्रों में ले ले जाया जाएगा।

उसी तरह से हिमाचल प्रदेश के लिए मजदूरों को शिमला और उत्तराखंड में किसी नजदीकी रेलवे स्टेशन तक छोड़ा जा सकता है।

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