गेम ओवर : भारत ने पबजी समेत 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया

गेम ओवर : भारत ने पबजी समेत 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया

IANS News
Update: 2020-09-02 13:30 GMT
गेम ओवर : भारत ने पबजी समेत 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया
हाईलाइट
  • गेम ओवर : भारत ने पबजी समेत 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया

नई दिल्ली, 2 सितम्बर (आईएएनएस)। चीनी ऐप्स पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए भारत सरकार ने बुधवार को 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बार जिन चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें बेहद लोकप्रिय गेम पबजी भी शामिल है।

इसके अलावा भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए लिविक, वीचैट वर्क और वीचैट रीडिंग, ऐपलॉक, कैरम फ्रेंड्स जैसे मोबाइल ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले भारत ने लघु वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक समेत कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।

यह कार्रवाई पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो में भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की ताजा कोशिशों के बाद हुई है।

पबजी गेम फिलहाल वैश्विक स्तर पर 60 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। इस गेम को खेलने वाले पांच करोड़ सक्रिय (एक्टिव) यूजर्स हैं। इसमें चीन के यूजर्स शामिल नहीं हैं, जहां इस गेम के रीब्रांडेड वर्जन को गेम फॉर पीस कहा जा रहा है।

भारत में पबजी खेलने वाले लाखों की संख्या में हैं, जिनमें अधिकतर यूजर्स युवा हैं।

पबजी पर प्रतिबंध उस समय लगा है, जब इसने अपने 1.0 वर्जन के साथ एक नए गेमिंग युग के आगमन की घोषणा की है।

इससे पहले लोकप्रिय टिकटॉक समेत चीन के कई ऐप पर प्रतिबंध लगाए जा चुका है। जून के आखिर में भारत ने टिकटॉक, हेलो समेत चीन के 59 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। बाद में जुलाई के आखिर में 47 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया। अब बुधवार को 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध की घोषणा की गई है।

सरकार ने 29 जून को लद्दाख में सीमा विवाद के बीच टिकटॉक, वीचैट और यूसी ब्राउजर सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत और चीन की सेनाएं पिछले करीब चार महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कई हिस्सों में आमने-सामने हैं और सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो पा रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत की संप्रभुता, अखंडता एवं निजी सुरक्षा का हवाला देते हुए, इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है।

मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से करोड़ों भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

एकेके/एएनएम

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