लोगों की जान सबसे महत्वपूर्ण मानवाधिकार है

लोगों की जान सबसे महत्वपूर्ण मानवाधिकार है

IANS News
Update: 2020-09-11 14:00 GMT
लोगों की जान सबसे महत्वपूर्ण मानवाधिकार है
हाईलाइट
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बीजिंग, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिकी पत्रिका टाइम्स के ताजा अंक का आवरण-पृष्ठ काफी अलग है। काली पृष्ठभूमि पर एक के बाद एक संख्या लिखी हुई हैं, जो सब 29 फरवरी से 8 सितंबर तक अमेरिका में हर दिन कोविड-19 से मरने वालों की संख्या है। अंत में एक चौंकाने वाली संख्या सामने आई 200,000 । आवरण-पृष्ठ पर सिर्फ तीन लाल अक्षर हैं, लिखा हुआ है एक अमेरिकी विफलता। टाइम्स के ताजा अंक से हम निराशा महसूस कर सकते हैं, क्योंकि मौत अभी भी जारी है।

अमेरिकी जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 10 सितंबर तक अमेरिका में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की कुल संख्या 63.9 लाख से अधिक है और मौत के मामलों की संख्या 1.9 लाख से ज्यादा है। टाइम्स के मुख्य संपादक एडवर्ड फेल्संथल ने कहा कि अमेरिका शीघ्र ही मील का पत्थर बनाएगा, जहां 2 लाख लोग कोविड-19 महामारी की वजह से मर जाएंगे।

यह संख्या कितनी बड़ी है? यह वियतनाम युद्ध में मारे गये अमेरिकी लोगों की संख्या का तीन गुना है, जो यूटा स्टेट के साल्ट लेक सिटी की कुल जनसंख्या के बराबर है। यह क्या बताता है? सचमुच अमेरिका की विफलता है। हम जानते हैं अमेरिका में 29 फरवरी को मौत का पहला मामला आया था, फिर मई में संख्या 1 लाख तक जा पहुंची और अब 2 लाख पहुंच रही है। तथ्यों से साबित हुआ है कि कुंजीभूत समय में सख्त कदम दयालुता है, जबकि विज्ञान के अनादर से भारी कीमत चुकानी पड़ती है। अमेरिका ने बारंबार दावा किया कि वो खुद मानवाधिकार का रक्षक है, लेकिन मानवाधिकार क्या है? लोगों की जान सबसे महत्वपूर्ण मानवाधिकार ही है।

दुनिया में अमेरिका का चिकित्सा प्रौद्योगिकी सबसे आधुनिक है, इसके बावजूद महामारी की स्थिति इतनी गंभीर बनी हुई है। यह समझने में मुश्किल है और सोच-विचार करने का विषय है। अमेरिका एक शक्तिशाली देश है, लेकिन 21वीं शताबदी में इतनी दु:खद मृत्य हुई, जो बोलने के लिए शब्द नहीं है। सभी विकसित देशों में सिर्फ अमेरिका में महामारी की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी है। हम सच्चे दिल से आशा करते हैं कि टाइम्स का आवरण-पृष्ठ इन लोगों को जागृत करेगा, जो आपदा से शिथिल हैं। विज्ञान और बुनियादी ज्ञान का सम्मान करने पर ही अमेरिका वर्तमान संकट का मुकाबला कर सकेगा।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

-- आईएएनएस

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