कश्मीर से केरल तक महिलाओं का टास्क, तैयार हुए 1 करोड़ मास्क!
कश्मीर से केरल तक महिलाओं का टास्क, तैयार हुए 1 करोड़ मास्क!
नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। देश भर में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा एक करोड़ से अधिक फेस मास्क बनाए गए हैं। इस गौरवशाली क्षण के केंद्र में समर्थित महिला उद्यमियों का एक मजबूत संगठन है। इस संगठन के अंतर्गत अधिकांश महिलाओं ने अपने घर में ही ये मास्क तैयार किए हैं।
देश भर की महिलाओं द्वारा यह कार्य केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की डीएवाई-एनयूएलएम फ्लैगशिप योजना और समृद्धि एरिया लेवल फेडरेशन के तहत किया गया है।
इस संगठन के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर से लेकर सुदूर केरल और असम से लेकर महाराष्ट्र तक महिलाओं ने अपने-अपने घरों में ये मास्क तैयार किए हैं।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह कोविड-19 से लड़ने के लिए स्वयं सहायता समूहों के अथक प्रयास, सकारात्मक ऊर्जा और एकजुट संकल्प को दर्शाता है। कपड़े से तैयार किए गए यह ट्रिपल लेयर मास्क सुरक्षित होने के साथ-साथ कई बार इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। इन्हें धोकर सुखाने के उपरांत उन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है।
समृद्धि एरिया लेवल फेडरेशन (एएलएफ) की अध्यक्ष शुभांगी चंद्रकांत धायगुडेके फोन के माध्यम से आर्डर एकत्र करती हैं और महाराष्ट्र के टिटवाला स्थित अपने घर पर मास्क की सिलाई करती हैं। शुभांगी कहती है कि उन्होंने 50,000 मास्क बनाए हैं और मास्क बनाने के इस काम में उनके साथ 45 और महिलाएं शामिल हैं।
राजस्थान के कोटा में सावरनी स्वयं सहायता समूह की सदस्य मीनू झा ने कहा कि उन्होंने यह सोचा भी नहीं था कि उनका यह छोटा-सा कदम दूसरों के लिए इतना प्रेरणादायक हो सकता है।
असम का पारंपरिक कपड़ा और सम्मान का प्रतीक गमोचा आज स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं स्वच्छता का प्रतीक भी बन रहा है। असम के नौगांव के रुनझुन स्वयं सहायता समूह की सदस्य रश्मि, इस पारंपरिक कपड़े का उपयोग करके अब मास्क तैयार कर रही हैं। महाराष्ट्र राजस्थान समेत अन्य प्रांत की महिलाओं की ही भांति रश्मि ने भी हजारों मास्क तैयार किए हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में प्रयास स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपदेश अंदोत्रा तिरंगा मास्क बना रही हैं। उन्होंने कहा, मैं तिरंगा मास्क बनाते हुए गर्व महसूस करती हूं।
घर पर मास्क बनाने की एक अलग मुहिम के तहत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की बेटी आरुषि निशंक ने भी घर पर खादी के मास्क बनाए हैं। आरुषि और उनकी संस्था स्पर्श गंगा द्वारा 10 हजार खादी के मास्क बनाए गए हैं। आरुषि ने ये सभी मास्क भारतीय सेना को समर्पित किए हैं।