दवा उत्पादन में आएगी तेजी, पर्यावरण मंत्रालय ने उठाए कदम

दवा उत्पादन में आएगी तेजी, पर्यावरण मंत्रालय ने उठाए कदम

IANS News
Update: 2020-04-15 20:00 GMT
दवा उत्पादन में आएगी तेजी, पर्यावरण मंत्रालय ने उठाए कदम

नई दिल्ली, 15 अप्रैल(आईएएनएस)। नोवेल कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान दवाओं का संकट पैदा न हो, इसके लिए सरकार उत्पादन में तेजी लाने में जुटी है। दवाओं को बनाने की राह को और आसान करने की कवायद हुई है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) अधिसूचना 2006 में संशोधन किया है। जिसके बाद तमाम बीमारियों के इलाज के लिए विनिर्मित थोक दवाओं के सभी प्रोजेक्ट को मौजूदा ए कैटेगरी से बी2 कैटेगरी में फिर से वर्गीकृत किया गया है।

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, बी2 कैटेगरी में आने वाली परियोजनाओं को बेसलाइन डाटा के संग्रह, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) अध्ययनों और सार्वजनिक परामर्श की आवश्यकता से छूट दे दी गई है। इससे अब राज्य स्तर पर उनका मूल्यांकन हो सकेगा, जिससे दवाओं के निर्माण में तेजी आएगी। सरकार ने यह कदम देश में कम समय में महत्वपूर्ण दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से उठाया है। यह संशोधन 30 सितंबर, 2020 तक प्राप्त होने वाले सभी प्रस्तावों पर लागू है। राज्यों को भी ऐसे प्रस्तावों को तेज गति से बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि लगभग दो सप्ताह के दौरान इस वर्ग के भीतर 100 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिन पर राज्यों में संबंधित सक्षम अधिकारियों की ओर से निर्णय लिया जाना है।

-- आईएएनएस

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