इजराइल-ईरान युद्ध: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तान की जमीन से इजराइल को दी धमकी, कहा - ईरान पर हमला करना इजराइल को पड़ेगा भारी

  • पाकिस्तान में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का तीन दिवसीय दौरा
  • रईसी ने इजराइल को दी हमले की धमकी
  • ईरान पर हमला इजराइल को पड़ेगा भारी

Surbhit Singh
Update: 2024-04-24 17:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान में हैं। रईसी ऐसे समय पर गए हुए हैं जब ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष जैसे हालात बने हुए हैं। इस दौरान रईसी ने इजराइल को सख्त चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा है कि ईरान की जमीन पर किए गए हमले से मौजूदा हालात बदतर हो सकते हैं। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, "13 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर जवाबी हमला कर सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले का बदला लिया है। इजराइल की ओर से दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर किया गया हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ था।"

ईरान ने 13 अप्रैल को इजराइल पर किया था हमला 

इस बारे में ईरान की न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी राष्ट्रपति ने इजराइल को कड़ी चेतावनी दी है कि वो दमिश्क वाली गलती फिर से नहीं दोहराएंगे। यदि इजराइल ने ईरान पर हमला करने का प्रयास किया तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। गौरतलब है कि इजराइल ने ईरान के सीरिया स्थित कॉन्सुलेट पर एयरस्ट्राइक की थी। इस अटैक में ईरान के टॉप जनरल समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी।

ईरानी राष्ट्रपति ने इजराइल और हमास के युद्ध पर कहा, "ईरान और पाकिस्तान के लोग फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं। ईरान गर्व से फिलिस्तीन की रक्षा करना जारी रखेगा। आज अमेरिका और पश्चिमी देश खुलकर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। अमेरिका और पश्चिमी देश इजराइल द्वारा फिलिस्तान में किए जा रहे बच्चों की हत्या और नरसंहार के समर्थक हैं।"

ईरान और पाकिस्तान के रिश्तों में दिखी थी दरार

जब से ईरान के सीरिया स्थित दूतावास पर इजराइली एयरस्टाइक से हमले के बाद ईरान ने ईद के मौके पर जवाबी हमले करने का ऐलान किया था। इसके बाद ईरान ने 13 अप्रैल को इजराइल पर 300 ड्रोन्स और मिसाइलों से अटैक किया था। इस हमले को अंजाम देने के लिए इजराइल ने बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल का प्रयोग किया था।

इस साल की शुरुआत पाकिस्तान और ईरान के लिए अच्छी साबित नहीं हुई थी। दोनों देशों के राजनयिक संबंधो में तनातनी देखी गई थी। दरअसल, पाकिस्तान और ईरान ने एक दूसरे पर चरमपंथी समूह को पनाह देने का इल्जाम लगाया था। इस दौरान ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत स्थित मिलिट्री ठिकानों पर एयरस्ट्राइक से हमला कर दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में अटैक किया था। इसके लिए पाकिस्तान ने ड्रोन और राकेट से ईरान के आंतकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके बाद कुछ समय बाद दोनों देशों के बीच तानव खत्म हो गया था।

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