ओमान में फंसा यूपी के देवरिया का युवक, भारत वापस लौटने के लिए सरकार से लगाई गुहार

ओमान में फंसा यूपी के देवरिया का युवक, भारत वापस लौटने के लिए सरकार से लगाई गुहार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-03 18:16 GMT
ओमान में फंसा यूपी के देवरिया का युवक, भारत वापस लौटने के लिए सरकार से लगाई गुहार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो जून की रोटी की तलाश में खाड़ी देश ओमान में देवरिया का एक युवक फंस गया है। स्थिति यह है कि वह पिछले चार महीनों से दर-दर भटकने को मजबूर है। जिन परिजनों ने उसे दो पैसे की आस में विदेश भेजा था, अब वे ही यहां से कर्ज लेकर उसे जीवनयापन करने के लिए ओमान पैसे भेज रहे हैं। 

युवक का नाम दिनेश कुशवाहा है जो दो साल पहले नौकरी के लिए ओमान गया था। वहां पर वह फील्ड इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी में कार्यरत था, लेकिन पिछले 4 महीने से कंपनी ने उसे सैलेरी देना बंद कर दिया। यहीं नहीं कंपनी ने उसका पासपोर्ट भी वापस नहीं किया और न ही रिलीविंग लेटर दिया। इस कारण दिनेश न तो भारत वापस लौट पा रहा है और न ही किसी अन्य कंपनी में काम कर पा रहा है। ओमान के कानून के मुताबिक जब तक पूर्व कंपनी रिलीविंग लेटर नहीं देती, तब तक दूसरी कंपनी किसी को काम पर नहीं रख सकती।

हालात ये है कि दिनेश वहां अन्य भारतीयों से कर्ज लेकर इधर-उधर दिन काटने को मजबूर है। वहीं परिजन कर्ज लेकर दिनेश को पैसे तो भेज रहे हैं, लेकिन इससे परिजनों की ​आर्थिक स्थिति ओर भी खराब होती जा रही है। पासपोर्ट नहीं मिलने की वजह से अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि दिनेश कब भारत वापस लौट पाएगा। दिनेश के परिवार में किसान पिता श्रीराम भगत के अलावा उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं जो उनकी घर वापसी की राह देख रहे हैं।

दिनेश कई भारतीयों की मदद से किसी तरह वहां स्थित भारतीय दूतावास में इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी वहां कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। कंपनी का मुख्य कर्ताधर्ता अहमद सुलेमान अब्दुल्ला अल रियामी है, जिसके पास दिनेश का पासपोर्ट जब्त है। दिनेश ने कई बार उससे गुहार लगाई कि वह उनका पासपोर्ट वापस लौटा दे, ताकि वह किसी तरह अपने देश लौट सके, लेकिन अब्दुला ने उसकी एक नहीं सुनी और अभी तक महीनों से न तो उसने पासपोर्ट वापस दिया और ना ही तनख्वाह। ऐसे में दिनेश को दो वक्त के भोजन के लिए जैसे.तैसे जुगाड़ करना पड़ रहा है।

दिनेश कुशवाहा का कहना है ​कि किसी तरह उसे भारत बुला लिया जाए। वह जल्द से जल्द भारत आना चाहता है। इसके लिए उसने मस्कट के भारतीय दूतावास में भी शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। दिनेश के भाई दुर्गेश कुशवाहा का कहना है कि वह किसी तरह भाई की स्वदेश वापसी चाहते हैं।

दिनेश ने व्हाट्सएप के जरिए दिल्ली में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता धीरज राय से संपर्क किया था और पूरी बात बताई। इसके बाद उन्होंने दिनेश के परिजनों से संपर्क किया। धीरज राय ने संबंधित दस्तावेज जुटाकर दिल्ली में विदेश मंत्रालय और दिल्ली स्थित मसकट के दूतावास में इसकी शिकायत की है और लगातार दिनेश की स्वदेश वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं। दूतावास और मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 

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