अजरबैजान की भारत को गीदड़भबकी: आर्मेनिया को हथियार न देने की कही बात, कहा - 'यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा, खतरा बढ़ा तो एक्शन लेंगे'

  • भारत द्वारा आर्मेनिया को हथियार सप्लाई करने पर भड़का अजरबैजान
  • एक्शन लेने की दी धमकी
  • भारत-आर्मेनिया के बीच हुई थी 6 हजार करोड़ की डिफेंस डील

Anchal Shridhar
Update: 2024-04-25 14:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में ईरान से सटे मुस्लिम देश अजरबैजान ने भारत को उसके पड़ोसी और दुश्मन देश आर्मेनिया को हथियार न देने की धमकी दी है। वहां के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भारत से कहा है कि वो आर्मेनिया को हथियार की सप्लाई न करे। राजधानी बाकू में सीओपी29 से संबंधित प्रोग्राम में उनसे इसे लेकर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, "यह हमारी देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। फ्रांस, भारत, ग्रीस जैसे देश आर्मेनिया को हमारे खिलाफ जाकर हथियार सप्लाई कर रहे हैं। ऐसे में हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रह सकते।"

देश की सुरक्षा को खतरा होगा तो एक्शन लेंगे

राष्ट्रपति अलीयेव ने आगे कहा, "हमने आर्मेनिया और उसे हथियार देने वाले देशों के सामने अपना रुख साफ कर दिया है। अगर हमारे देश की सुरक्षा को खतरा होगा तो हम इसके खिलाफ एक्शन लेंगे। आर्मेनिया हमारे खिलाफ अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। वो हमारी सीमा पर अपने सैनिक तैनात कर रहा है। ऐसे में हम चुप नहीं रह सकते।"

इस वजह से आर्मेनिया की मदद करता है भारत

भारत के आर्मिनिया को हथियार देने का कारण कश्मीर है। दरअसल, कारबाख को लेकर अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच चल रहे विवाद में पाकिस्तान अजरबैजान को खुला सपोर्ट करता है। वहीं इसके बदले अजरबैजान भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता है। बीते साल भारत में अजरबैजान के राजदूत ने खुद स्वीकार किया था कि पिछले 30 साल से उनका देश कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता रहा है।

ऐसे में भारत ने अजरबैजान के दुश्मन देश आर्मेनिया के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए हैं। इसके तहत भारत ने पिछले साल जुलाई में आर्मेनिया के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है। भारत ने पिछले साल जुलाई में आर्मेनिया को पिनाक रॉकेट लॉन्चर की पहली खेप डिलिवर की थी। इसके बाद खबर आई थी कि आर्मेनिया को पिनाक की डिलीवरी करने पर अजरबैजान के राष्ट्रपति के सलाहकार ने भारतीय राजदूत से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने भारत-आर्मेनिया के बीच बढ़ते सहयोग पर चिंता जाहिर की थी।

6 हजार करोड़ की डिफेंस डील

भारत और आर्मेनिया के बीच जो डिफेंस डील हुई थी वो 6 हजार करोड़ की थी। इस डील में फ्रांस भी सहयोगी के तौर पर शामिल था। इस डील में तय हुआ था कि भारत आर्मेनिया को अपने देश में निर्मित एंटी-एयर सिस्टम आकाश देगा। इस सिस्टम के जरिए हवाई हमलों को रोका जा सकेगा। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच हुई डील पर अजरबैजान के राष्ट्रपति का रिएक्शन भी आया था। उन्होंने कहा था कि भारत और फ्रांस इस डील के माध्यम से आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति अलीयेव ने कहा था कि इन हथियारों को पाने के बाद भी आर्मेनिया कारबाख को वापस नहीं ले पाएगा। 

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