पेट्रोल के दाम को लेकर हिंसा की आग में जल रहा फ्रांस, लग सकती है इमरजेंसी

पेट्रोल के दाम को लेकर हिंसा की आग में जल रहा फ्रांस, लग सकती है इमरजेंसी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-02 12:13 GMT
पेट्रोल के दाम को लेकर हिंसा की आग में जल रहा फ्रांस, लग सकती है इमरजेंसी
हाईलाइट
  • फ्रांस में पेट्रोलियम उत्पादों पर से टैक्स घटाने को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन चल रहा है।
  • शनिवार को प्रदर्शन हिंसक होने के बाद अब सरकार ने हालातों में काबू में रखने के लिए इमरजेंसी लगाने के संकेत दिए हैं।
  • सरकार के प्रवक्ता बेंजामिन ग्रिवो ने रविवार को यूरोप 1 रेडियो से कहा
  • इमरजेंसी लगाना भी सरकार के पास एक विकल्प है।

डिजिटल डेस्क, पेरिस। फ्रांस में पेट्रोलियम उत्पादों पर से टैक्स घटाने को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन चल रहा है। शनिवार को प्रदर्शन हिंसक होने के बाद अब सरकार ने हालातों में काबू में रखने के लिए इमरजेंसी लगाने के संकेत दिए हैं। शनिवार को हिंसक हुए प्रदर्शन में 133 से ज्यादा लोग घायल हुए है। इसमें सुरक्षा बलों के 23 सदस्य भी शामिल है। वहीं पुलिस ने 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि बीते दस सालों में फ्रांस का ये सबसे हिंसक प्रदर्शन है। 

सरकार के प्रवक्ता बेंजामिन ग्रिवो ने रविवार को यूरोप 1 रेडियो से कहा, इमरजेंसी लगाना भी सरकार के पास एक विकल्प है। उन्होंने कहा, “हम उन कदमों के बारे में सोच रहे हैं, जिनसे ऐसी घटनाएं दोबारा होने से रोकी जा सकें। G-20 समिट में शामिल होने गए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों भी वापस देश लौट आए हैं और उन्होंने इमरेजेंसी मीटिंग बुलाई है। फ्रांस रवाना होने से पहले अर्जेंटीना के ब्यूनस एयर्स में मैक्रों ने कहा, "मैं कभी हिंसा स्वीकार नहीं करूंगा।" उन्होंने कहा, "कोई भी कारण अधिकारियों पर हमला, लूट और पत्रकारों को धमकी देने को उचित नहीं ठहरा सकता।" येलो वेस्ट एक्टिविस्ट पॉल मार्रा ने BFM टीवी से कहा कि सरकार देश भर में हिंसा के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, "जो भी हुआ हम उसकी निंदा करते हैं, लेकिन हिंसा शीर्ष से शुरू हुई।

बता दें कि फ्रांस में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों और हाइड्रोकार्बन टैक्स बढ़ाने के विरोध में लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है। सोशल मीडिया के कारण यह पूरे देश में फैल गया। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और कई दुकानों में तोड़ फोड़ की, शीशे तोड़ दिए और कई कारों को जला दिया। इसमें अनुमानित रूप से 36,500 लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस ने वॉटर कैनन का भी उपयोग किया। पुलिस ने करीब 400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं हिंसक घटनाओं में 133 से ज्यादा लोग घायल हुए है। इसमें सुरक्षा बलों के 23 सदस्य भी शामिल है।

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