इजरायली पीएम का ऐलान, ईरान को सीरिया में मिलिट्री बेस स्थापित करने से रोकेंगे

इजरायली पीएम का ऐलान, ईरान को सीरिया में मिलिट्री बेस स्थापित करने से रोकेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-23 15:38 GMT
इजरायली पीएम का ऐलान, ईरान को सीरिया में मिलिट्री बेस स्थापित करने से रोकेंगे
हाईलाइट
  • इजरायल के प्रधानमंत्री ने ईरान को सीरिया से दूर रखने की बात कही है।
  • इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नहीं चाहते कि ईरान सीरिया में अपने मिलिट्री ऑपरेशन बढ़ाए।
  • नेतन्याहू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इजरायल सीरिया में अपना ऑपरेशन चलाएगा।

डिजिटल डेस्क, यरूशलम। यूएस द्वारा एस द्वारा सीरिया से सेना हटाने के निर्णय के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री ने ईरान को सीरिया से दूर रखने की बात कही है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उनका देश नहीं चाहता कि ईरान सीरिया में अपने मिलिट्री ऑपरेशन बढ़ाए। नेतन्याहू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इजरायल सीरिया में अपना मिलिट्री ऑपरेशन चलाएगा।

पीएम नेतन्याहू ने कहा, "यूएस के 2000 सैनिकों को सीरिया से हटाने के निर्णय का हमारी पॉलिसी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम ईरान के खिलाफ काम करते रहेंगे। हम नहीं चाहते कि ईरान सीरिया में अपना मिलिट्री बेस स्थापित करे। इसलिए हम सीरिया की स्थिति पर नजर बनाए रहेंगे और जरूरत पड़ेगी तो हम वहां ऑपरेशन भी चलाएंगे। मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि इजरायल और यूएस की दोस्ती हमेशा बनी रहेगी। हम एकदूसरे के प्रति सहयोग को लेकर गंभीर हैं। इजरायल और यूएस के बीच इंटेलिजेंस और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बना रहेगा। 

इजरायली प्रधानमंत्री का यह बयान उस वक्त आया है, जब यह कहा जा रहा था कि यूएस के इस फैसले से सीरिया में रूस और ईरान का प्रभाव बढ़ जाएगा। इससे पहले ईरान ने अमेरिका पर निशाना साधा था। ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सीरिया में अमेरिकी सेना की उपस्थिति तर्कहीन और एक बड़ी गलती थी। मंत्रालय के अनुसार, सीरिया में यूएस सेना की उपस्थिति ने क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचाया और इससे वहां अस्थिरता और असुरक्षा बढ़ी है। 

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अमेरिकी सैनिकों को सीरिया से वापस बुलाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने कहा कि यूएस ने ISIS को हरा दिया, लेकिन उनपर जीत हासिल करना इस लड़ाई का अंत नहीं है। हम इस अभियान के दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं, इसलिए हमने अमेरिकी  सैनिकों को बुलाना शुरू कर दिया है। इस्लामिक आतंक को रोकने की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। ट्रंप के इस कदम के बाद यूएस के रक्षामंत्री जिम मैटिस इस फैसले से नाराज हो गए थे और गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के इस फैसले का स्वागत किया था।

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