नवाज शरीफ का कबूलनामा, मुंबई अटैक में था पाक आतंकियों का हाथ

नवाज शरीफ का कबूलनामा, मुंबई अटैक में था पाक आतंकियों का हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-12 11:43 GMT
नवाज शरीफ का कबूलनामा, मुंबई अटैक में था पाक आतंकियों का हाथ

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मान लिया है कि मुंबई टेरर अटैक में पाकिस्तानी आतंकवादियों का ही हाथ था। वहीं नवाज ने मुंबई हमलों की पाक में अटकी पड़ी सुनवाई पर भी सवाल उठाया है। बता दें कि पाकिस्तान इस बात से हमेशा इनकार करता रहा है कि 2008 के मुंबई हमलों में उसकी कोई भूमिका है। वहीं हाल ही में मुंबई आतंकवादी हमले के चीफ प्रॉक्सिक्यूटर को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने हटा दिया था।

हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?
मुल्तान में एक रैली से पहले शुक्रवार को द डॉन न्यूज को दिए इंटरव्यू में नवाज शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए? मुझे बताइए।" रावलपिंडी आतंकरोधी अदालत में मुंबई हमलों का ट्रायल लंबित होने का हवाला देते हुए नवाज ने कहा, "हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?" वहीं नवाज ने कहा, "आप एक देश को नहीं चला सकते जब दो या तीन समानांतर सरकारें चल रही हों। यह रोकना होगा। सिर्फ एक ही सरकार हो सकती है, जो संवैधानिक प्रक्रिया से चुनी गई हो।"

चीफ प्रॉक्सिक्यूटर को PAK ने हटाया
बता दें कि कुछ दिन पहले मुंबई आतंकवादी मामले के चीफ प्रॉक्सिक्यूटर चौधरी अजहर को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने हटा दिया था। बताया गया था कि सरकार के बताए दिशानिर्देश पर नहीं चलने के कारण उन्हें इस मुकदमे से हटाया गया है। वह 2009 से ही मुंबई आतंकवादी हमले में मुख्य अभियोजक के तौर पर प्रतिनिधित्व कर रहे थे। फेडरल इन्वेस्टिगेश एजेंसी (FIA) के एक अधिकारी ने कहा था कि "इस मुकदमे में सरकार की अपनी एक खास सोच है और अजहर शायद सरकार के रुख के मुताबिक नहीं चल रहे थे। वह हाई प्रोफाइल मुकदमों में लॉ बुक के हिसाब से चल रहे थे।"

ATC सेशंस कोर्ट की तरह कर रहा काम
वहीं एक सीनियर एडवोकेट ने कहा था, "मुंबई हमले का मुकदमा 2009 से ही इस्लामाबाद के एक ऐंटी-टेररिजम कोर्ट (ATC) में चल रहा है। देश के किसी भी ATC में शायद ही ऐसा कोई केस हो जो 9 साल से ज्यादा वक्त से चल रहा हो और अभी भी लंबित हो। ATC को स्पीडी ट्रायल के लिए बनाया गया है लेकिन इस मामले में ATC सेशंस कोर्ट की तरह काम कर रहा है जहां आमतौर पर सालों तक केस के फैसले नहीं होते।"

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