नेपाल ने चीन की अरबों डॉलर की परियोजना को किया इंकार

नेपाल ने चीन की अरबों डॉलर की परियोजना को किया इंकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-11 14:55 GMT
नेपाल ने चीन की अरबों डॉलर की परियोजना को किया इंकार
हाईलाइट
  • भारत को इस प्रोजेक्ट से कुछ दिक्कतें आ सकती थीं
  • क्योंकि चीन इस प्रोजेक्ट के जरिए अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है।
  • यह प्रॉजेक्ट साल 2016 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के कार्यकाल के दौरान चीन की एक कंपनी को दिया गया था।
  • चीन इस प्रोजेक्ट से नेपाल में भारी निवेश करना चाहता था जो भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
  • नेपाल के इस फैसले से भारत की चिंता कुछ हद तक दूर हो गई है।
  • नेप

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। नेपाल सरकार ने चीन द्वारा बूढ़ी गण्डकी नदी पर पनबिजली प्रोजक्ट के निर्माण के लिए मना कर दिया है। यह प्रॉजेक्ट साल 2016 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के कार्यकाल के दौरान चीन की एक कंपनी को दिया गया था। हालांकि, इस फैसले से नई दिल्ली की चिंता का निपटारा हो गया है। नेपाल के इस फैसले से भारत की चिंता कुछ हद तक दूर हो गई है।

 

भारत को आ सकती है प्रोजेक्ट से दिक्कतें

पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड दवारा चीन को दिए गए प्रोजेक्ट को मौजूदा सरकार ने आगे न बढ़ाने को लेकर इंकार कर दिया है। चीन ने इस प्रोजेक्ट को अपने वन बेल्ट एण्ड रोड प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु करने के लिए कहा था। बता दें कि भारत को इस प्रोजेक्ट से कुछ दिक्कतें आ सकती थीं, क्योंकि चीन इस प्रोजेक्ट के जरिए अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है। 

 

 

चीन की जेझूबा ग्रुप कंपनी को दिया गया था प्रोजेक्ट

चीन इस प्रोजेक्ट से नेपाल में भारी निवेश करना चाहता था जो भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है। प्रचंड सरकार ने बिना टेंडर निकाले ही यह प्रोजेक्ट चीन की जेझूबा ग्रुप कंपनी को दे दिया है। नेपाल के ऊर्जा मंत्री बर्षा मान पुन ने मंगलवार को घोषणा करके यह जानकारी दी। नेपाल सरकार बूढ़ी गण्डकी नदी पर पनबिजली परियोजना के निर्माण के लिए दुनिया भर की कंपनी को बुलाया जाएगा।

 

इस परियोजना से करीब 1200 मेगावॉट बिजली उत्पादित होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कुल लागत 2.73 अरब डॉलर आएगी। बता दें कि चीन, भारत को चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रहा है चीन के पाकिस्तान में भी बहुत से प्रोजेक्ट चल रहे है। चीन नेपाल में अस्पतालों, सड़कों और जलविद्युत संयंत्रों में निवेश कर रहा है। बूढ़ी गण्डकी पर जलविद्युत परियोजना का निर्माण किए जाने की पहचान 70 के दशक के अंत में एक अध्ययन के दौरान हो गई थी। यह प्रोजेक्ट गोरखा और ढाडिंग जिले में स्थित है। 
 

 

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