अब चीन का इंटरनेट इस्तेमाल करेगा नेपाल, भारत पर निर्भरता खत्म

अब चीन का इंटरनेट इस्तेमाल करेगा नेपाल, भारत पर निर्भरता खत्म

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-13 02:33 GMT
अब चीन का इंटरनेट इस्तेमाल करेगा नेपाल, भारत पर निर्भरता खत्म

डिजिटल डेस्क,नेपाल। नेपाल के लोगों ने शुक्रवार से चीन के इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसी के साथ ही नेपाल ने इंटरनेट का उपयोग करने के लिए भारत पर निर्भरता खत्म हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि नेपाल ने इंटरनेट के लिए भारत की जगह किसी अन्य देश पर निर्भरता जताई है।

शुक्रवार को नेपाल के लोगों ने हिमालय पर्वत पर बिछी चीन की ऑप्टिकल फाइबर लिंक के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। चीनी फाइबर लिंक के जरिए मिलने वाली इंटरनेट की प्रारंभिक स्पीड 1.5 गीगाबीट प्रति सेकेंड (GBPS) होगी, जो भारत से कम है। वहीं बीरतनगर, भैरहवा और बीरगंज के माध्यम से भारत 34 GBPS की स्पीड मुहैया कर रहा था। नेपाल के सूचना एवं संचार मंत्री मोहन बहादुर बसनेट ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में नेपाल-चीन क्रॉस बॉर्डर ऑप्टिकल फाइबर लिंक की शुरुआत की। 

                                       


हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए साइन हुआ था MoU

बता दें कि 2016 में हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए नेपाल टेलीकॉम और चीन टेलीकम्युनिकेशन के बीच एक MoU साइन हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि चीन की तरफ से मिलने वाली इंटरनेट स्पीड भारत के मुकाबले अभी काफी कम है। जहां चीनी फाइबर लिंक से रसुवगाढ़ी बॉर्डर पर 1.5 GBPS की स्पीड मिल रही है, वहीं बिराटनगर, भाईराहवा और बीरगंज में भारत के इंटरनेट की स्पीड 34 GBPS है। गौरतलब है कि नेपाल में अबतक BSNL, TATA और एयरटेल जैसी प्राइवेट कंपनी भी इंटरनेट मुहैया करा रही थीं।


मील का पत्थर होगा साबित

संचार मंत्री मोहन बहादुर बसनेट ने कहा कि ये मील का पत्थर साबित होगा। यह नेपाल और चीन के बीच आधिकारिक स्तर के साथ-साथ नागरिक स्तर पर भी द्विपक्षीय संबंधों को भी बढ़ावा देगा। इससे देशभर का इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी डेवलप होगा। वहीं नेपाल में चीन के अम्बेस्डर यू होंग ने कहा कि दोनों देशों ने ना सिर्फ इंटरनेट कनेक्शन की दूरी कम की है बल्कि बिजनेस में भी एक-दूसरे के लिए नई संभावनाएं आई हैं।

                                          

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