पाकिस्तान बोला, कुलभूषण मामले में भारत के साथ कोई गुप्त डील का सवाल ही नहीं

पाकिस्तान बोला, कुलभूषण मामले में भारत के साथ कोई गुप्त डील का सवाल ही नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-14 14:46 GMT
पाकिस्तान बोला, कुलभूषण मामले में भारत के साथ कोई गुप्त डील का सवाल ही नहीं

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने गुरुवार को इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत सरकार से कोई डील (गुप्त समझौता) होने वाला है। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए कोई भी कदम उसके संविधान के अनुसार ही उठाने की बात कही।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस्लामाबाद में अपने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, "कोई सौदा नहीं होगा ... सभी निर्णय स्थानीय कानूनों के अनुसार होंगे। जाधव को लेकर दिए गे आईसीजे के फैसले को लागू करने के लिए उठाया गया कोई भी कदम संविधान के अनुसार होगा।"

बुधवार को पाकिस्तानी मीडिया के एक हिस्से में इस आशय की रिपोर्ट आई थीं कि पाकिस्तान, भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सिविल कोर्ट में अपील करने का अधिकार मुहैया कराने के लिए अपने आर्मी एक्ट में संशोधन करने जा रहा है। लेकिन, तुरंत ही पाकिस्तान की सेना ने साफ कर दिया कि जाधव से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के संदर्भ में पाकिस्तान आर्मी एक्ट में बदलाव की बातें अटकलें मात्र हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक ट्वीट कर कहा था, "कुलभूषण जाधव को लेकर दिए गए ICJ के फैसले को लागू करने के लिए पाक सेना अधिनियम में संशोधन की अटकलें गलत हैं। मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। फाइनल स्टेटस समय आने पर साझा किया जाएगा।"

कुलभूषण का मामला पाकिस्तान की सैन्य अदालत में चल रहा है और पाकिस्तान आर्मी एक्ट ऐसे व्यक्ति या समूह को सिविल कोर्ट में अपील करने या वहां से न्याय पाने की इजाजत नहीं देता है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने आतंकवाद के आरोप  में मौत की सजा सुनाई हुई है।

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं। जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है। 

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