भुखमरी की कगार पर पहुंचा उत्तर कोरिया, आत्महत्या और पलायन करने को मजबूर हुए लोग

यूएन रिपोर्ट भुखमरी की कगार पर पहुंचा उत्तर कोरिया, आत्महत्या और पलायन करने को मजबूर हुए लोग

ANAND VANI
Update: 2021-10-23 10:55 GMT
भुखमरी की कगार पर पहुंचा उत्तर कोरिया, आत्महत्या और पलायन करने को मजबूर हुए लोग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड-19  महामारी की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों और बिगड़ते वैश्विक संबंधों के कारण उत्तर कोरिया आज भुखमरी की कगार पर है। उत्तर कोरिया वैश्विक समुदाय से जितना अलग-थलग नजर आ रहा है उतना पहले कभी नहीं रहा। इस स्थिति का देश के अंदर लोगों के मानवाधिकारों पर भी जबर्दस्त असर पड़ा है। इस वजह से लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो गए है।ये दावा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में किया गया है। अलग-थलग पड़े उत्तर पूर्व एशियाई देश पर संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र जांचकर्ता ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की। 
टॉमस ओजिया क्विंटाना ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति को और पूर्व में की गई संवाददाता पीसी में बताया कि उत्तर कोरिया में खाने का संकट है। और लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है जो बच्चे और बुजुर्गों के लिए भुखमरी का खतरा है। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक कैदियों क शिविरों में खाद्यान की कमी को लेकर चिंतित है। आत्महत्या और देश से पलायन कर रहे लोग
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए डीपीआरके की सरकार के इस आत्मघाती कदम के कारण लोग आत्महत्या कर रहे हैं और देश से पलायन कर रहे हैं। डीपीआरके में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष जांचकर्ता के तौर पर छह साल बाद महासभा को अपनी अंतिम रिपोर्ट में क्विंटाना ने कहा, "आवाजाही की स्वतंत्रता पर पाबंदी और राष्ट्रीय सीमाओं को बंद करने से बाजार की गतिविधि बाधित हो गई है जो लोगों के लिए भोजन सहित बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच बनाने के लिए बेहद जरूरी है।

डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) ने महामारी की रोकथाम के लिए सीमाएं बंद कर दीं। इसका उत्तर कोरिया के लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा क्योंकि देश का स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा निवेश की कमी और चिकित्सकीय सामग्री की आपूर्ति में कमी का सामना कर रहा है।


 

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