CPEC के प्रॉजेक्ट्स ठप होने की खबरों को पाक विदेश मंत्रालय ने किया खारिज

CPEC के प्रॉजेक्ट्स ठप होने की खबरों को पाक विदेश मंत्रालय ने किया खारिज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-14 17:25 GMT
CPEC के प्रॉजेक्ट्स ठप होने की खबरों को पाक विदेश मंत्रालय ने किया खारिज

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिनमें CPEC के कुछ प्रॉजेक्ट्स ठप होने की बात कही जा रही थी। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन खबरों को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि मीडिया में यह दिखाया जा रहा है कि चीन के फंडिंग रोकने से CPEC के 3 प्रोजेक्ट्स रूक गए हैं, जबकि यह गलत है। चीन ने कोई फंडिंग नहीं रोकी है। इन प्रॉजेक्ट्स के लिए पेमेंट निश्चित प्रक्रिया के तहत आती है और इसमें थोड़ी-बहुत देर होती रहती है।"

बता दें कि 2 दिन पहले ही पाकिस्तान में चीन की मदद से शुरू हुए तीन प्रोजेक्ट्स का काम अटकने की खबर आई थी। चीन द्वारा इन प्रोजेक्ट्स के लिए फंड रिलीज न करने के चलते इनके अटकने की बात कही जा रही थी। ये तीनों प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत बनाए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा ता कि यह जानकारी पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने खुद संसदीय समिति को दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि अहसान इकबाल ने संसदीय समिती को बताया है कि चीन ने CPEC के लिए फंड रोक दिया है, जिसके चलते तीन प्रोजेक्ट पर काम रूक गया है। उन्होंने बताया था कि चीन इन तीनों प्रॉजेक्ट के फाइनैंशल मेकेनिज्म की समीक्षा कर रहा है। पेइचिंग से मंजूरी मिलने के बाद ही इन प्रॉजेक्ट्स पर काम दोबारा शुरू किया जाएगा।

गौरतलब है कि चीन की वन बेल्ट वेन रोड परियोजना के तहत ही CPEC को तैयार किया जा रहा है। चीन CPEC के माध्यम से अपने शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण ग्वादर पोर्ट से जोड़ना चाहता है। इस योजना में सड़कों और रेल नेटवर्क को तैयार करने के साथ ही ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करना भी शामिल है। यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रही है। इसके चलते भारत इस परियोजना का लगातार विरोध कर रहा है।  बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की 2015 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस दौरान ही चिनफिंग ने परियोजना के लिए 50 अरब डॉलर की राशि आवंटित किए जाने की घोषणा की थी।

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